देहरादून:पुलिस लाइन गढ़वाल परिक्षेत्र के थानों में तैनात मोहर्रिरों और नौ नए सीओ को आईजी अजय रौतेला द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. जिसमें विभिन्न मुद्दों के साथ आने वाले नए साल से रजिस्टर मेंटेन करने को लेकर प्रशिक्षण दिया. आईजी ने अपनी प्रशिक्षण की पाठशाला में बुलाए गए थानों के मोहर्रिरों से कई सवाल भी किए, तो कुछ सवालों के स्वंय उत्तर दिए तो कुछ सवालों के संतोषजनक जवाब न मिलने पर मोहर्रिरों को जमकर फटकार भी लगाई.
आईजी ने मोहर्रिरों और सीओ की लगाई क्लास. आईजी अजय रौतेला द्वारा पुलिस लाइन में हुई कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें गढ़वाल रेंज के इक्यासी थानों के हेड मोहर्रिर और नए पुलिस उपाधीक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया. आईजी ने थानों के जरुरी अभिलेखों को लेकर सवाल शुरू किए तो अधिकांश हेड मोहर्रिर बगले झांकने लगे, अधिकांश ने थानों में बनने वाले अपराध रजिस्टर के बारे में तक नहीं बता पाए.
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आईजी ने निर्देशित किया कि सड़क दुर्घटना से संबंधित मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर 48 घंटे के अंदर उसकी सूचना क्लेम ट्रिब्यूनल को भेजी जाए. विवेचक को निर्धारित फार्म-54 भरकर 30 दिनों में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल को भेजे. दुर्घटना से पीड़ित, गवाहों और मृत्यु की दशा में मृतक के परिजनों को न्यायालय में उपस्थित कराने की जिम्मेदारी थाना प्रभारी की होगी.
एफआईआर में चोरी हुई संपत्ति की पहचान भी दर्ज होनी चाहिए. अधिकतर मामलों में पुलिस संपत्ति की पहचान लिखवाने से बचती है. वादी की तरफ से लिखवाकर पल्ला झाड़ लिया जाता है कि चोरी हुए सामान की सूची बाद में दी जाएगी. साथ ही हर एफआईआर पर थाना प्रभारी के हस्ताक्षर होने चाहिए. थानों में यह व्यवस्था सुचारु रुप से न लागू होने पर आपत्ति जताई. आईजी ने कहा कि गढ़वाल परिक्षेत्र में स्थित समस्त थानों में किस तरह से कार्य किया जाना है. सूचनाओं के साथ-साथ केस रजिस्टर मेंटेन को लेकर प्रशिक्षण दिया गया है.