उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उत्तराखंड शासन से IFS अफसरों को प्रशिक्षण की नहीं मिल रही अनुमति, केंद्र ने राज्य को लिख डाली ये चिट्ठी

IFS officer training controversy in Uttarakhand उत्तराखंड में इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के अधिकारी केंद्र से नामित होने के बावजूद भी तमाम प्रशिक्षण पाठ्यक्रम या कार्यशालाओं में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं. इसकी वजह उत्तराखंड शासन से इन नामित अधिकारियों को अनुमति नहीं मिल पाना है. बड़ी बात यह है कि भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने भी बाकायदा राज्य में IFS अधिकारियों की इस हालत पर पत्र लिखकर चिंता जाहिर कर दी है. क्या है ये पूरा मामला, पढ़िए इस खबर में.

IFS officer training controversy
उत्तराखंड सरकार

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 18, 2023, 6:43 AM IST

Updated : Dec 18, 2023, 11:05 AM IST

IFS अफसरों के प्रशिक्षण पर ड्रामा

देहरादून: केंद्र सरकार अधिकारियों के प्रशिक्षण को बेहतर कर उनकी कार्यक्षमताओं को बढ़ाने का प्रयास कर रही है. भारत सरकार का मानना है कि तमाम प्रशिक्षणों और कार्यशालाओं के माध्यम से अधिकारियों के काम करने की गुणवत्ता को बेहतर किया जा सकता है. इसके लिए ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण और कार्यशालाएं भी आयोजित कराई जाती हैं.

अफसरों की स्किल बढ़ाना चाहती है केंद्र सरकार

लेकिन उत्तराखंड में परेशानी इंडियन फॉरेस्ट सर्विस यानी IFS अफसरों को लेकर पैदा हो गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश में आईएफएस अधिकारियों को भारत सरकार से प्रशिक्षण या कार्यशालाओं हेतु नामित किए जाने के बाद भी उन्हें अवमुक्त नहीं किया जा रहा है. अब तक ऐसे कई आईएफएस अधिकारी हैं जिन्हें केंद्र द्वारा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के लिए नामित किया गया. लेकिन राज्य से उन्हें अवमुक्त न किए जाने के कारण वह प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए.

12 से ज्यादा अधिकारियों को नहीं मिल पाई प्रशिक्षण के लिए अनुमति:उत्तराखंड में ऐसे 12 से ज्यादा आईएफएस अधिकारी हैं, जिन्हें प्रशिक्षण में जाने के लिए शासन से अनुमति नहीं मिल पाई. हालांकि कुछ अधिकारी ऐसे भी हैं जिन्हें भारत सरकार के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के लिए अनुमति दी गई है. सूत्र बताते हैं कि ऐसे अधिकारियों में वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी धनंजय मोहन, अमित वर्मा, जीवन मोहन, सुरेंद्र मेहरा और पुनीत तोमर का नाम शामिल है. जबकि कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो यह नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिरकार उन्हें अनुमति क्यों नहीं दी गई है.

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने उत्तराखंड वन विभाग को भेजा था पत्र:उत्तराखंड शासन की तरफ से आईएफएस अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए अनुमति नहीं दिए जाने के बाबत भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से पत्र भी भेजा गया है. उप वन महानिरीक्षक पर्यावरण भारत सरकार की तरफ से भेजे गए इस पत्र में एक तरफ जहां समय पर अधिकारियों को कार्य मुक्त कर प्रशिक्षण हेतु भेजने के लिए कहा गया है, तो वहीं दूसरी तरफ यदि किसी वजह से नामित किए गए अधिकारी को प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजा जा पा रहा है तो राज्य सरकार द्वारा किसी दूसरे नाम की सिफारिश किए जाने का भी विकल्प दिया गया है. जाहिर है कि किसी भी स्थिति में भारत सरकार प्रशिक्षण के लिए अधिकारियों की ज्यादा से ज्यादा मौजूदगी को रखना चाहती है.

खास बात यह है कि उत्तराखंड शासन को भी भारत सरकार के इस पत्र की पूरी जानकारी दी गई है. साथ ही प्रशिक्षण के लिए अनुमति दिए जाने को लेकर भारत सरकार की मंशा को भी स्पष्ट किया गया है. अधिकारियों के स्किल मैनेजमेंट को और बेहतर करने साथ ही नए आइडियाज को प्रशिक्षण के दौरान अफसरों द्वारा साझा किए जाने का भी प्रयास किया जाता है. लिहाजा ऐसे प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को अहम माना गया है.

प्रशिक्षण के लिए सभी को मौका दिए जाने की हो सकती है कोशिश:एक तरफ आईएफएस अधिकारी इस स्थिति के कारण असमंजस में हैं, तो माना यह भी जा रहा है कि सभी अधिकारियों को प्रशिक्षण पाठ्यक्रम या कार्यशालाओं के लिए मौका दिए जाने का भी शासन की तरफ से प्रयास हो सकता है. जानकार बताते हैं कि जिन अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए एक बार भी मौका नहीं मिल पाया है, उन्हें शासन अनुमति दे रहा है. जबकि पहले भी प्रशिक्षण पर जाने वाले अधिकारियों को कम तवज्जो दी जा रही है.
ये भी पढ़ें: IFS अफसरों का फैसलों के खिलाफ कड़ा रुख, कई मर्तबा बैकफुट पर आया शासन, लंबा चौड़ा है विवादों का इतिहास

Last Updated : Dec 18, 2023, 11:05 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details