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मसूरी: भट्टा गांव से हुई 'मैं एक गांव हूं' योजना की शुरुआत, पलायन पर लगेगी रोक - IM-Village Scheme

मसूरी के आस-पास के गांव से पलायन को रोकने को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा आई एम विलेज योजना की शुरुआत की गई है. योजना के तहत मसूरी के क्यारकूली भट्टा गांव का चयन किया गया.

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उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू किया गया 'मैं एक गांव हूं' योजना

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Published : Sep 25, 2020, 6:53 PM IST

मसूरी:एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना को लेकर खंड विकास अधिकारी अभिनव कुमार ने मसूरी झील के यूथ हॉस्टल के सभागार में संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में खंड विकास अधिकारी ने आई एम विलेज योजना के तहत क्यारकूली भट्टा गांव का चयन किया गया. साथ ही किसानों का कलस्टर बनाकर उन्हें योजना से लाभान्वित करने के निर्देश दिए.

खंड विकास अधिकारी अभिनव कुमार ने बताया कि योजना के तहत जिला नियोजन समिति द्वारा सहसपूर ब्लॉक से मसूरी क्यारकूली भटटा गांव का चयन किया गया है. गांव की भौगोलिक परिस्थिति और जलवायु के अनुसार एकीकृत कृषि का मॉडल तैयार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना के लिए गांव में कम से कम एक सौ किसानों को स्वयं सहायता समूह एवं आजीविका को भी कलस्टर से जोड़ा जायेगा.

देहरादून जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक पुंडीर और भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष राकेश रावत ने बताया कि उत्तराखंड के पहाड़ी भू-भाग में पलायन की समस्या दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है. उत्तराखंड के पहाड़ी भू-भाग में दिनों दिन खाली होते गांव, बंजर होती जमीनों और अपना गांव, घर, खेती-बाड़ी छोड़कर पलायन करते नौजवान सरकार की मुख्य चिंता का विषय बने हुए हैं. जिसको लेकर त्रिवेन्द्र रावत सरकार द्वारा नौजवानों को अपने गांव, घरों में ही रोजगार देकर, खंडहर होते मकानों को फिर से आबाद करने ,पहाड़ के गांवों की रौनक फिर से लौटाने व युवाओं को कृषि संबंधी कार्यों के लिए प्रोत्साहित करने, पलायन जैसी जटिल समस्या से निजात दिलाने के लिये उत्तराखंड सरकार 'मैं एक गांव हूं'. योजना की शुभारंभ किया गया है.

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उन्होने बताया की 'एकीकृत आदर्श ग्राम योजना' है. जिसका उद्देश्य गांवों से पलायन कर गए लोगों को फिर से गावों की ओर वापस लाना तथा उन्हें कृषि कार्य के लिए प्रेरित करना है.कृषकों को कृषि के अतिरिक्त अन्य कार्यों (जैसे पशुपालन, मुर्गी, मधुमक्खी पालन, मछली पालन) से जोड़कर उनकी आय को दोगुना करना तथा गावों में सामूहिक खेती को बढ़ावा देना इसके उद्देश्यों में शामिल है.

आई एम विलेज योजना को सुचारू रूप से चलाने व सफल बनाने के लिए गावों में लोगों का समूह बनाकर काम किया जायेगा. गावों में लगभग 100-100 लोगों का समूह बनाकर उन्हें कृषि ,उद्यान (फल व सब्जियों) ,पशुपालन ,मत्स्य पालन, मौन पालन, कुक्कुट पालन करने के लिए प्रेरित किया जायेगा, तथा इन समूहों को 15 लाख रूपये तक का ऋण भी दिया जाएगा.इस योजना में किसानों को खाद, बीज, आधुनिक कृषि यंत्र,मिट्टी की गुणवत्ता ,बागवानी तथा आधुनिक तरीके से कृषि करने से संबंधित हर जानकारी व प्रशिक्षण कृषि विभाग द्वारा दिया जाएगा ताकि परिणाम बेहतर निकल सकें.

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