देहरादून: गौरीकुंड के डाटपुल के समीप हुए भूस्खलन में तीन लोगों के शव बरामद कर लिये गये थे. गौरीकुंड हादसे में अभी भी 20 लोग लापता हैं. गौरीकुंड हादसे में लोग लापता लोगों की तलाश के लिए लगातार पांच दिनों से सर्च ऑपरेशन चलाया गया है. यहां सर्च ऑपरेशन के लिए आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. रेस्क्यू टीमें हाइड्रा मशीन के जरिये यहां लगातार काम कर रही हैं.
गौरीकुंड में ये टीमें हाइड्रा से क्रेन के सहारे नदी किनारे मलबे में लापता लोगों की खोजबीन हो रही हैं. बता दें यह पहला मौका है जब किसी रेस्क्यू में हाइड्रा मशीन का उपयोग हो रहा है. हाइड्रा मशीन का आगे का हिस्सा काफी लंबा होता है. जिसमें क्रेन लगाकर काफी दूर तक किसी वस्तु को उठाया या पलटा जा सकता है.
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गौरीकुंड में पुलिस थाना चैकियां एवं फायर सर्विस अपने-अपने क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं. संदिग्ध स्थानों पर ड्रोन कैमरे से भी सर्च अभियान चलाया जा रहा है. धारी देवी से कुंड बैराज तक सर्च रेस्क्यू व खोजबीन की जा रही है. टीमें विषम परिस्थितियों में सर्च रेस्क्यू व खोजबीन कार्य कर रही हैं. सर्च रेस्क्यू एवं खोजबीन अभियान में डीडीआरफ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाईएमएफ, पुलिस, फायर सर्विस तथा जिला प्रशासन की टीमें शामिल हैं.
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गौरीकुंड भूस्खलन में लापता और मृत व्यक्तियों की संख्या 23 हो गई है. स्थानीय व्यक्तियों द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर लापता व्यक्तियों का विवरण निम्नवत है, जिसमें नेपाल मूल के 17, रुद्रप्रयाग के 4, अन्य राज्य के 2 कुल संख्या 23 है. जिसमें तीन लोगों के शव बरामद कर लिये गये हैं. मृतकों के परिजनों ने शवों की शिनाख्त की है. जिसके अनुसार तीनों व्यक्ति नेपाल मूल के हैं. जिनमें देवी बहादुर, टेक बहादुर व प्रकाश टम्टा शामिल हैं. 20 लोग अभी भी लापता हैं.आईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल ने बताया पूरी मशक्कत के साथ प्रशासन और पुलिस खोजबीन अभियान चला रहा है. रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग पर सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच का रास्ता काफी संकरा है. जहां पर भूस्खलन हुआ है, वहां मुश्किल हो रही है. रेस्क्यू में हाइड्रा मशीन का भी उपयोग किया जा रहा है.