देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में एक तरफ पार्टी नेताओं के बीच द्वंद चल रहा है तो दूसरी तरफ प्रदेश में कांग्रेस के पास अनुशासन समिति ही अस्तित्व में नहीं है. करीब 1 साल पहले उत्तराखंड कांग्रेस अनुशासन समिति (Congress without a disciplinary committee) के अध्यक्ष प्रमोद कुमार के निधन के बाद से ही समिति अस्तित्व में नहीं है. उधर, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी के भीतर अंतर्द्वंद तेज हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) तक पर टिकट बेचने के आरोप रंजीत रावत लगा चुके हैं.
वहीं, हरीश रावत के चहेते हरीश धामी ने बागवती सुर छेड़ रखे हैं. हरीश धामी पार्टी छोड़ने तक की धमकी देकर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर कई आरोप लगा चुके हैं. यही नहीं चुनाव के दौरान नेताओं पर एक-दूसरे के खिलाफ काम करने और पार्टी प्रत्याशियों को हराने तक की भी शिकायतें आ रही है. इतना कुछ होने के बावजूद पार्टी ने अभी तक अनुशासन बनाने के लिए एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया है. बस यही बात है जो नए प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के कमजोर होने का संदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं तक पहुंचा रहा है.
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