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48 घंटे में ही धड़ाम हाउस टैक्स की ऑनलाइन प्रक्रिया, अब मेयर इस तरह से दे रहे सफाई

नगर निगम में ऑनलाइन व्यवस्था को सुचारु रूप से धरातल पर लाने की प्रक्रिया सोमवार को पूरी कर दी गई, लेकिन पिछले 2-3 महीने काम करके भी नगर निगम को खास कामयाबी नहीं मिल पाई और पहले दिन ही ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होते ही धड़ाम हो गई. वेबसाइट के नहीं चलने के कारण करदाताओं ने नगर निगम में पहुंच कर अपना हाउस टैक्स जमा कराया.

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Published : Apr 23, 2019, 5:24 PM IST

धड़ाम हुई हाउस टैक्स की ऑनलाइन प्रक्रिया.

देहरादून: नगर निगम में सोमवार से हाउस टैक्स की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो गई. लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हुए 48 घंटे भी नहीं बीते कि इस व्यवस्था ने पहले ही दम तोड़ दिया. हाउस टैक्स की प्रक्रिया में नगर निगम के सर्वर की खराबी के कारण ऑनलाइन टैक्स जमा नहीं हो पा रहा है. वहीं, नगर निगम इस समस्या को जल्द से जल्द सुचारू रूप से शुरू करने की बात कह रहा है.

नगर निगम में ऑनलाइन व्यवस्था को सुचारु रूप से धरातल पर लाने की प्रक्रिया सोमवार को पूरी कर दी गई, लेकिन पिछले 2-3 महीने काम करके भी नगर निगम को खास कामयाबी नहीं मिल पाई और पहले दिन ही ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होते ही धड़ाम हो गई. वेबसाइट के नहीं चलने के कारण करदाताओं ने नगर निगम में पहुंच कर अपना हाउस टैक्स जमा कराया.

48 घंटे में धड़ाम हुई हाउस टैक्स की ऑनलाइन प्रक्रिया.

बता दें कि नगर निगम ने बीते दिनों पुराने 60 वार्डों का सर्वे किया था. अब इन वार्डों का पूरा विवरण निगम के सॉफ्टवेयर में अपडेट कर दिया गया है. इस सुविधा से हाउस टैक्स को जमा करने के लिए करदाताओं को आसानी होगी. साथ ही नगर निगम में लगने वाली लम्बी लाइन से भी छुटकारा मिल सकेगा. नए 40 वार्डों में नगर निगम अगले 10 सालों तक निजी भवनों से किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लेगा. साथ ही नगर निगम इन 40 वार्डों में बने कॉमर्शियल भवन टैक्स से जल्द अपडेट होने पर ऑनलाइन टैक्स लेने का काम करेगा. नगर निगम को पहले 60 वार्डों में होने वाले ऑनलाइन प्रक्रिया में सुधार करना पड़ेगा, जिससे भवन करदाताओं को कर जमा करने में किसी भी प्रकार की समस्या न हो.

वहीं, इस मामले में देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा ने सफाई देते हुए बताया कि हाउस टैक्स की ऑनलाइन व्यवस्था सोमवार से शुरू हो गई है. साथ ही जब कोई नया काम शुरू किया जाता है तो उसमें कई दिक्कतें आती हैं, जिन्हें धीरे-धीरे दूर किया जाएगा. साथ ही करदाताओं को ऑनलाइन प्रक्रिया से टैक्स जमा करने के लिए जागरूक किया जाएगा, जिससे लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सके.

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