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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 की हॉट सीट, हार-जीत बनी दिग्गजों की नाक का सवाल

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 की चुनावी जंग जारी है. उत्तराखंड के दिग्गज नेता चुनावी मैदान में प्रत्याशियों के तौर पर किस्मत आजमा रहे हैं. लेकिन उत्तराखंड की कुछ विधानसभा सीटें जीतना राजनीतिक दलों और दिग्गजों की नाक का सवाल बन गई हैं.

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उत्तराखंड की हॉट सीट

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Published : Feb 1, 2022, 3:30 PM IST

देहरादूनःपांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश भले ही सबसे बड़ा राज्य हो लेकिन छोटे से राज्य उत्तराखंड में जितनी राजनीतिक हलचल रहती है, उतनी हलचल शायद ही किसी राज्य में रहती हो. मुख्यमंत्री बदलने से लेकर नेताओं के पार्टी बदलने तक के लिए उत्तराखंड चर्चाओं में रहता है. 14 फरवरी को उत्तराखंड में मतदान होना है. इससे पहले ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा है कि उत्तराखंड की वह कौन सी ऐसी सबसे वीआईपी सीटें हैं जिन पर इस बार सबकी नजरें टिकी हुई हैं.

खटीमा विधानसभा सीटःसबसे पहला नंबर आता है उधमसिंह नगर जिले की खटीमा विधानसभा सीट का. खटीमा इसलिए हॉट और वीआईपी सीट मानी जा रही है क्योंकि यहां से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. इसलिए सबकी नजरें उनकी जीत की हैट्रिक पर टिकी हुई हैं. सीएम के विधानसभा क्षेत्र खटीमा में तमाम छोटे-बड़े नेता दौरे कर रहे हैं. भाजपा का मकसद है कि खटीमा में सीएम पुष्कर सिंह धामी बड़े मार्जिन से जीत दर्ज करें.

भाजपा ने जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को प्रत्याशी बनाया है तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने भुवन चंद्र कापड़ी को अपना उम्मीदवार बनाया है. बताया जा रहा है कि भुवन चंद्र कापड़ी क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखते हैं. इस वक्त वह कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं. लिहाजा, एक जननेता उतारकर कांग्रेस ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवाने की भरपूर कोशिश की है. वहीं, आप ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर को चुनावी मैदान में उतारा है. इस सीट पर 1,19,980 हजार वोटर हैं. इस विधानसभा सीट में सबसे अधिक पहाड़ी वोट बैंक और थारू जनजाति के वोट अधिक हैं. लिहाजा तीनों पार्टियां इन वोटरों पर अपना फोकस बनाए हुए हैं.

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लालकुआं विधानसभा सीटःखटीमा के बाद नैनीताल जिले की लालकुआं विधानसभा सीट पर राजनीतिक पंडितों और कांग्रेस-भाजपा के तमाम नेताओं की नजर रहेगी. इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि, हरीश रावत ने पहले रामनगर विधानसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश की थी. लेकिन पार्टी को काफी विरोध के बाद उनकी सीट बदलकर लालकुआं करनी पड़ी. इससे पहले इस सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश चंद्र दुर्गापाल विधायक रह चुके हैं.

लालकुआं विधानसभा सीट साल 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. इस सीट पर भाजपा का कब्जा है. हरीश दुर्गापाल 2012 में भाजपा प्रत्याशी नवीन दुम्का से जीते थे और 2017 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे. भाजपा के नवीन दुम्का फिलहाल लालकुआं सीट से विधायक हैं. इस सीट पर ब्राह्मण और राजपूत जाति के अधिक वोटर हैं. जबकि अनुसूचित जाति के मतदाता यहां पर निर्णायक भूमिका में रहते हैं. लालकुआं सीट पर कांग्रेस से हरीश रावत व भाजपा से मोहन बिष्ट उनके सामने प्रत्याशी हैं. देखना दिलचस्प होगा कि 2017 के चुनावों में किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण से हारने वाले हरीश रावत क्या इस बार विधानसभा तक पहुंच पाएंगे या नहीं.

हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीटः हरिद्वार जिले की हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट काफी चर्चाओं में है. कारण ये है कि इस सीट से साल 2017 में हरीश रावत भाजपा के स्वामी यतीश्वरानंद से बड़े अंतर से हारे थे. इस बार हार का बदला लेने के लिए हरीश रावत ने अपनी बेटी अनुपमा रावत को मैदान में उतारा है. स्वामी यतीश्वरानंद तीसरी दफा भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. कहा जाता है कि इस विधानसभा क्षेत्र में खनन का कारोबार विधायकों की किस्मत तय करता है.

लिहाजा कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने मित्र स्वामी यतीश्वरानंद की विधानसभा सीट पर अधिक ध्यान दिया है. ऐसे में अनुपमा रावत के लिए चुनौती बन गया है कि स्वामी यतीश्वरानंद को कैसे टक्कर दे पाएंगी. स्वामी यतीश्वरानंद इस समय राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. इस सीट पर भी लोगों की नजरें बनी हुई हैं.

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कोटद्वार विधानसभा सीटः पौड़ी की कोटद्वार विधानसभा सीट भी सुर्खियां बटोर रही है. कोटद्वार सीट से भाजपा के विधायक और कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत अब कांग्रेस के सदस्य बन गए हैं. भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी की पुत्री ऋतु खंडूड़ी को टिकट दिया है. जबकि उनके सामने पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी कांग्रेस से प्रत्याशी हैं. ऋतु खंडूड़ी के लिए यह सीट नई है, जबकि सुरेंद्र सिंह नेगी इस सीट से पहले भी विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा उनकी पत्नी यहां से मेयर हैं और अच्छा खासा जनाधार नेगी परिवार का इस सीट पर बताया जाता है.

नरेंद्र नगर विधानसभा सीटःटिहरी की नरेंद्र नगर विधानसभा सीट पर भाजपा ने इस बार भी कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल को टिकट दिया है. सुबोध उनियाल 5 साल से भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. इसके साथ ही सुबोध उन नेताओं में से एक हैं जो 2016 में हरीश रावत सरकार से टूटकर भाजपा में शामिल हुए थे. दूसरी तरफ कांग्रेस ने ओम गोपाल रावत को अपना उम्मीदवार बनाया है. चुनावी आंकड़े और तमाम सर्वे यह बता रहे हैं कि इस बार सुबोध उनियाल की टक्कर ओम गोपाल रावत से कांटे की होने जा रही है. यह सीट इसलिए भी वीआईपी है क्योंकि इस बार का चुनाव सुबोध उनियाल की किस्मत भी तय करेगा. यह विधानसभा क्षेत्र ऋषिकेश और धनौल्टी विधानसभा सीट से सटी हुई है.

हरिद्वार विधानसभा सीटः हरिद्वार शहर विधानसभा सीट पर 4 दफा से भाजपा के विधायक मदन कौशिक जीत दर्ज करवाते आ रहे हैं. वह भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री, शासकीय प्रवक्ता रह चुके हैं. इसके अलावा मौजूदा समय में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं. उनका मुकाबला पूर्व नगरपालिका चेयरमैन रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सतपाल ब्रह्मचारी से है. हरिद्वार शहर की सीट के बारे में कहा जाता है कि मदन कौशिक के अलावा यहां पर लोग किसी को पसंद नहीं करते. ऐसे में इस बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनके लिए सतपाल ब्रह्मचारी कितनी बड़ी चुनौती बनते हैं, इस पर सबकी नजरें बनी हुई हैं. मदन कौशिक हर बार इस सीट पर 15 हजार से अधिक वोटों से अपनी जीत दर्ज करवाते आए हैं.

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श्रीनगर विधानसभा सीटःपौड़ी की श्रीनगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल इस बार चुनावी मैदान में हैं. गणेश गोदियाल इससे पहले बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं और इस क्षेत्र में उनका अच्छा खासा जनाधार है. जबकि भाजपा से इस बार भी धन सिंह रावत को टिकट दिया गया है. धन सिंह रावत भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम आरएसएस के नेताओं तक उनकी पहचान हैं. मौजूदा सरकार में वह स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय संभाल रहे हैं. ऐसे में इस विधानसभा सीट पर भी सबकी नजर टिकी हुई हैं.

चकराता विधानसभा सीटः देहरादून की चकराता विधानसभा सीट भी हॉट बनी हुई है. अपनी पारंपरिक सीट के तौर पर चकराता से चुनाव लड़ने वाले प्रीतम सिंह कांग्रेस से मैदान में है. वहीं, भाजपा ने इस बार रामशरण नौटियाल को टिकट दिया है. रामशरण नौटियाल बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल के पिता हैं और इससे पहले वह इस क्षेत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं. ऐसे में इस सीट पर भी सबकी नजरें बनी हुई हैं. चकराता सीट उत्तराखंड की उन सीटों में से एक है जहां विकास की बहुत जरूरत है. बेहद खूबसूरत और सफेद बर्फ से ढके हुए चकराता के पहाड़ हमेशा से पर्यटकों का इंतजार करते हैं.

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