देहरादून:हरिद्वार महाकुंभ के दौरान यानी अप्रैल से ही उत्तराखंड में कोरोना ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी थी. इसकी तस्दीक अब सामने आ रहे मौत के आंकड़े कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कई लोगों की तरफ से कुंभ आयोजन के कारण प्रदेश में संक्रमण बढ़ने का दावा किया है. ये सब इसीलिए कहा जा रहा है क्योंकि हरिद्वार के अस्पतालों से मौत के पुराने आंकड़ों के सामने आने लगे हैं. इन आंकड़ों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग के दावों को पोल खोल कर रख दी है.
उत्तराखंड में देहरादून जिला भले ही मौत के आंकड़ों के लिहाज से सबसे ऊपर हो, लेकिन हरिद्वार कोरोना से मारने वालों के आंकड़े छुपाने में सबसे ऊपर नजर आ रहा है. ईटीवी भारत स्वास्थ्य विभाग का ही एक ऐसा दूसरा आंकड़ा पेश कर रहा है, जो राज्य में हरिद्वार जिले के खराब हालात को जाहिर कर देगा.
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अब सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई हरिद्वार कुम्भ ने ही राज्य में संक्रमण को रफ्तार दी है. हालांकि सरकार और उसके मंत्री इन दावों को झूठला रहे है. लेकिन हरिद्वार अब मौत के जो पुराने आंकड़े सामने आ रहे हैं, वो तो कुछ और ही सच्चाई बयां कर रहे हैं.
दरअसल, प्रदेश में हरिद्वार के बाबा बर्फानी अस्पताल की तरफ से 65 मरीजों की मौत का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग को देरी से देने का मामला खूब उछला था. इस मामले के बाद हरिद्वार के सीएमओ समेत अस्पताल के सीएमएस को भी नोटिस जारी किया गया, लेकिन इसके बाद मौत के पुराने आंकड़े एक के बाद एक बाहर आने लगे.
आपको हैरानी होगी कि राजधानी देहरादून भले ही मौत के आंकड़े में सबसे ऊपर रही हो, लेकिन अब देरी से मौत के आंकड़ों पर गौर करें तो इस मामले में हरिद्वार सबसे ऊपर है. हरिद्वार जिले में पिछले एक हफ्ते के दौरान 230 मरीजों की मौत के पुराने आंकड़ों का खुलासा हुआ है. देहरादून इस मामले में हरिद्वार से काफी पीछे है. राजधानी के अस्पतालों ने 114 मरीजों की मौत के पुराने आंकड़े पिछले एक हफ्ते में स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं.
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देरी से दिए गए मौत के आंकड़ों पर एक नजर
- हरिद्वार के बाबा बर्फानी अस्पताल ने 25 अप्रैल से 12 मई के बीच हुई 65 मौतों की जानकारी 14 मई को दी.
- देहरादूनक के रायपुर कोविड केयर सेंटर ने 26 अप्रैल से 15 मई के बीच हुई 27 मौतों का आंकड़ा 16 मई को दिया.
- हिमालयन हॉस्पिटल देहरादून ने 18 अप्रैल से 15 मई के बीच हुई 19 मौत की जानकारी छुपाई. ये आंकड़ा 18 मई को दिया.
- CMI हॉस्पिटल देहरादून ने भी 19 मई को तीन नई मौत की जानकारी दी थी, जो पहले ही हुई थी.
- देहरादून के सरकारी हॉस्पिटल दून मेडिकल कॉलेज ने एक मौत की जानकारी काफी देर से दी.
- हिमालयन अस्पताल देहरादून ने 8 और मौत की जानकारी 21 मई को दी. ये मौतें भी अप्रैल और मई के पहले हफ्ते में हुई थी.
- देहरादून के लेमन अस्पताल ने भी चार मरीजों के मौत की जानकारी समय से नहीं दी थी.
- देहरादून के CMI हॉस्पिटल ने 21 मई और एक और मौत की जानकारी दी थी, जिसकी मौत काफी दिन पहले हो चुकी थी.
- देहरादून के सिनर्जी हॉस्पिटल में 9 मौतों का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग को देरी से दिया.
- देहरादून के वेलमेड अस्पताल ने दो मरीजों के मौत की जानकारी समय से नहीं दी.
- 19 मई को ही नैनीताल के एसके नर्सिंग होम ने दो पुरानी मौतों को विभाग को बताया. यह मौत 15 मई की थी.
- 19 मई को पिथौरागढ़ में डिस्टिक हॉस्पिटल ने आठ मरीजों की मौत को देरी से बताया, यह मौतें 12 और 13 मई को हुई थी.
- यूएस नगर में संजीवनी हॉस्पिटल काशीपुर और मेडिसिटी रुद्रपुर ने भी एक-एक मौत के पुराने आंकड़े विभाग को दिए.
- उत्तरकाशी में डिस्टिक हॉस्पिटल उत्तरकाशी ने 6 मरीजों की मौत के पुराने आंकड़े 19 मई को विभाग को दिए.
- 20 मई को उत्तरकाशी जिला अस्पताल ने 4 मरीजों की पुरानी मौत को बताया. यह मौत 15 और 16 मई को हुई थी.
- इसके अलावा 19 मई को ही हरिद्वार में आरोग्यम अस्पताल ने चार, बीएचईएल ने छह, जया मिक्स वेल में 11, विनय विशाल हॉस्पिटल में 4 मरीजों की पुरानी मौत को बताया गया. यह मौत 27 अप्रैल से 15 मई के बीच की थी.
- इसके साथ ही 20 मई को देहरादून जिले में एम्स ने दो, कोरोनेशन ने एक, हिमालयन अस्पताल में एक, लेमन ने 9, मैक्स अस्पताल ने एक और एसपीएस गवर्नमेंट अस्पताल ऋषिकेश ने दो मरीजों की मौत के पुराने आंकड़ों को पेश किया.
- 20 मई को हरिद्वार जिले में आरोग्य अस्पताल में तीन, बीएचईएल ने 9, एसआर मेडिसिटी ने 27 मरीजों की मौत के आंकड़े को देरी से दिया. यह मौत 21 अप्रैल से 17 मई के बीच हुई थी.
- नैनीताल जिले में 20 मई को सेंट्रल हॉस्पिटल में 19 और नीलकंठ अस्पताल में एक मरीज की मौत का पुराना आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग को दिया. यह मौत 13 अप्रैल से 15 मई के बीच हुई थी.
- 21 मई को देहरादून जिले में सीएमआई अस्पताल में दो, हिमालयन अस्पताल में एक मरीज की मौत का पुराना आंकड़ा दिया. यह मौत मई महीने में ही 13 मई और 16 मई को हुई थी.
- 21 मई को हरिद्वार जिले में बीएचईएल अस्पताल की तरफ से 19 मरीजों की मौत और एमएच रुड़की की तरफ से 24 मरीजों की मौत का पुराना आंकड़ा सार्वजनिक किया गया. यह मौत का आंकड़ा 21 अप्रैल से 15 मई के बीच का था.
- 22 मई देहरादून में एम्स ऋषिकेश में 17 मरीज और हिमालयन अस्पताल में 3 मरीजों की मौत का पुराना डाटा सार्वजनिक किया. यह मौत 17 अप्रैल से 19 मई के बीच हुई थी.
- 22 मई हरिद्वार जिले में ध्रुव चरित्र बल अस्पताल की तरफ से एक मरीज की मौत, न्यू देव भूमि की तरफ से दो, रामकृष्ण मिशन अस्पताल की तरफ से 40 मरीजों की मौत का पुराना आंकड़ा दिय गया. यह मौत भी 8 अप्रैल से 18 मई के बीच हुई थी.
- नैनीताल जिले में एसके नर्सिंग होम में 2 मरीजों की मौत को देरी से बताया है. जो मौत 15 मई को हुई थी.
- इसी तरह पिथौरागढ़ जिले में एमएच पिथौरागढ़ की तरफ से 5 मरीजों की मौत का पुराना आंकड़ा दिया गया है.
जाहिर है कि हरिद्वार जिले के अस्पताल मौत के मामले छुपाने में अव्वल है और 230 मरीजों की मौत के आंकड़े अस्पताल दबाए बैठे थे. ऐसे में सवाल ये भी खड़ा होता है कि क्या हरिद्वार जिले में संक्रमण का आंकड़ा सही दिया जा रहा है या फिर इसमें भी गोलमाल हो रहा है. इससे साफ पता चलता है कि प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा धरातल पर कागजी आंकड़ों से ज्यादा है.