देहरादून:आज (4 जुलाई) भारतीय टीम के पूर्व महेंद्र सिंह धोनी और साक्षी सिंह रावत की शादी की सालगिरह है. सोशल मीडिया पर पोस्ट कर फैन्स उनको बधाई दे रहे हैं. लेकिन आज हम आपको इन दोनों की शादी से जुड़ी एक ऐसे 'रानी' से रूबरू कराने जा रहे हैं. जो इनके शादी के पलों की खास गवाह रही है.
गौर हो कि महेंद्र सिंह धोनी का गांव ल्वाली अल्मोड़ा की जैंती तहसील में स्थित है. ग्रामीण बताते हैं कि साल 2004 में महेंद्र सिंह धोनी आखिरी बार अपने गांव आए थे. धोनी के पिता पान सिंह ने भी करीब 40 साल पहले अपने गांव को छोड़कर रोजगार के लिए रांची चले गए. जिसके बाद से उनका परिवार वहीं रहता है. वहीं महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी साक्षी रावत भी देहरादून की रहने वाली हैं.
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के जीवन के सबसे अहम पड़ाव में अहम किरदार निभाने वाली 'रानी' इन दिनों परेशान है. रानी ही नहीं, माधुरी, बॉबी और काजल भी यही हाल है. कोरोना काल के हर बीतते दिन के साथ धोनी की 'रानी' के 'राजकुमारों' का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है. जिसके कारण 'रानी' को आराम फरमाना पड़ रहा है. दरअसल, महेंद्र सिंह धोनी की ये रानी कोई और नहीं बल्कि एक घोड़ी है, जिस पर चढ़कर धोनी साक्षी को ब्याहने चल दिये थे.
रानी उसी घोड़ी का नाम है जिस पर बैठकर धोनी बैंड, बाजा और बारात के साथ धूमधाम अपनी सजनी के घर पहुंचे थे. मगर अब उसी रानी का जीवन थम सा गया है. कोरोनाकाल के कारण रानी को काम नहीं मिल रहा. ये ही हाल काजल, बॉबी, मालती और माधुरी का भी है, जो शादी के सीजन में भी अस्तबल में सोये हैं. कोरोना काल के कारण घोड़ा-बग्गी का काम पूरी तरह बंद हो गया है, जिससे इन्हें चारदीवारी तक ही सिमटकर रहना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि घोड़ा-बग्गी संचालकों को ब्याज पर उधार लेकर रानी,माधुरी, बॉबी और काजल को पालना पड़ रहा है.
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