रुद्रपुर:मधुमखियों की बीमारियों जांच और उसके निदान के लिए पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कीट पतंग विभाग में दो लैब जल्द ही बनने जा रही है. इसके अलावा इन लैब में किसान शहद और अन्य प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता की जांच भी करवा सकते हैं. जिसके बाद वह इन्हें आसानी से बाजार में ऊंचे दामों पर बेच सकते हैं. वहीं, कृषि मंत्रालय के राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन विभाग द्वारा लैब स्थापित करने के लिए 1.20 करोड़ की स्वीकृत दे दी गई है.
बता दें कि अब मधुमक्खी पालकों को अपने शहद की गुणवत्ता को जांचने के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ेगा. भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के किट विज्ञान विभाग के साथ मिलकर हनी टेस्टिंग व हनी बी क्लीनिक लैब स्थापित करने जा रही है. इन दोनों ही लेबों के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड द्वारा 1.20 करोड़ का प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई है.
कृषि विश्वविद्यालय में Honey Bee लैब होगी स्थापित. इस मामले में जानकारी देते हुए संयुक्त निदेशक मधुमक्खी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र पंतनगर डॉक्टर प्रमोद मल्ल ने बताया कि दोनों ही प्रोजेक्ट की स्वीकृति कृषि मंत्रालय के एनबीएचएम मंत्रालय से मिल चुकी है. कृषि विश्विद्यालय के किट पतंग विभाग में दोनों ही लैबों को स्थापित किया जायेगा. जिसमें शहद की गुणवत्ता चेक कर प्रमाणित किया जाएगा. इसके अलावा अन्य उत्पाद रॉयल जैली, बी वेक्स, पॉलिन की भी जांच की जाएगी. वहीं, दूसरी लैब में किसानों द्वारा पाली गई मधुमखियों की बीमारियों का पता लगाते हुए उनके उपचार के बारे में बताया जाएगा.
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वहीं, यह उत्तराखंड की पहली लैब होगी जहां पर हनी की गुणवत्ता के लिए किसानों को प्रमाण-पत्र दिया जाएगा ताकि किसानों का शहद की बाजारों में अच्छी कीमत मिल सके. इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी. डॉक्टर प्रमोद मल्ल ने बताया कि हनी टेस्टिंग के लिए गैस क्रोमैटोग्राफी मास स्पेक्ट्रोमेटी मशीन पर दूसरी लैब के लिए डेनेग्सटिक मशीन को लैब में स्थापित होगी. साथ ही एक साल भीतर ही हनी टेस्टिंग और हनी बी क्लीनिक का काम शुरू हो जाएगा.