देहरादून: उत्तराखंड पुलिस को SMART पुलिस बनाने की दिशा में अहम कदम बढ़ाए गए हैं. इसी दिशा में पुलिस मुख्यालय स्तर पर नौ समितियों का गठन किया गया है. ये समितियां कानून/शांति व्यवस्था, ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने, ड्रग्स और साइबर अपराध से निपटने के साथ-साथ पुलिस वेलफेयर व पुलिस आधुनिकीरण के सम्बन्ध में कार्ययोजना तैयार करेंगी.
उत्तराखंड की मित्र पुलिस को और आधुनिक यानी स्मार्ट (S-Sensitive & Strict, M-Modern with Mobility, A-Alert & Accountable, R- Reliable & Responsive, T-Trained & Techno-Savvy) बनाने को लेकर उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय देहरादून में प्रदेश के गृह सचिव नितेश कुमार झा और डीजीपी अशोक कुमार बीच एक अहम बैठक हुई. बैठक में 9 समितियों द्वारा बनाई गई कार्ययोजनाओं को गृह सचिव के सामने रखा गया.
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इस दौरान डीजीपी ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने राज्य गठन के बाद 20 सालों में काफी कुछ हासिल किया है. पुलिस ने कई बेहतर काम किए हैं. लेकिन अभी भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है. जिसकी दिशा में अब कदम बढ़ाए जाएंगे. उत्तराखंड पुलिस के ऑपरेशनल, प्रशासनिक और पुलिसकर्मियों के कल्याण का स्तर बढ़े इसी के लिए ये बैठक की गई थी.
बैठक में निम्न बिंदुओं पर सैद्धान्तिक सहमति व्यक्त की गई...
- पुलिस की गतिशीलता में गुणात्मक परिवर्तन किया जाएगा. जिससे किसी भी घटना में पुलिस का रेसपॉन्स टाइम बेहतर हो.
- सिटी पेट्रोल और हाइवे पेट्रोल कार की संख्या में 100 स्कोर्पियो वाहनों की बढ़ाया जाए.
- पीएसी के वाहन जो जर्जर हालत में हैं उन्हें हटाकर नए वाहन लिए जाएंगे. ये वाहनों को पहाड़ों की गतिविधियों के अनुसार स्मार्ट लुक दिया जाएगा.
- स्मार्ट यूनिफॉर्म की दिशा में भी कार्य किया जाएगा. पीएसी की युद्ध यूनिफार्म पर भी कार्य होगा.
- E-Beat book सिस्टम लागू किया जाएगा.
- Traffic eyes app को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा. जिससे सड़क पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों की सूचना आम जन पुलिस को दे सके.
- Traffic eyes app की तर्ज पर एक Public eyes app बनाया जाएगा. जिससे लोग किसी भी अपराध और ड्रग्स आदि से सम्बन्धित कोई भी सूचना पुलिस तक पहुंचा सकें.सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की मदद करने वालों के लिए पुरस्कार योजना बनायी जाएगी. जिसमें डीजीपी की तरफ से एक लाख रुपए तक इनाम दिया जाएगा.
- बेहतर कार्य करने के लिए डीजीपी की और पुलिसकर्मियों को दी जाने वाली पुरस्कार राशि को 20 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए किया जाएगा.
- पुलिस मुख्यालय के नए भवन की निर्माण का लेकर भी वार्ता की गई है. रायपुर या रिंग रोड पर बनेगा पुलिस मुख्यालय. सिटी पुलिस को शॉर्ट रेंज वैपन्स दिये जाएंगे. पीएसी और आम्र्ड पुलिस में लॉन्ग रेंज वैपन्स में इंसास को लाने का प्रयास किया जाएगा.
- फायर सर्विस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व शुरू किया जाएगा.
- थाने के रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा.
- e-summons को रेगुलर प्रेक्टिस में लाया जाएगा.
- थाने, चौकी, आईआरबी तृतीय, नए फायर स्टेशन के निर्माण के लिए भी अधिकतम बजट मिलेगा
- कांस्टेबल और उपनिरीक्षक की भर्ती व पदोन्नति की रुकावटों को जल्द समाप्त किया जाएगा.
- उत्तराखंड में 1780 कांस्टेबल और फायरमैन के पदों को मार्च महीने तक भरने की कोशिश की जाएगी. उधर 50 से 80 सब इंस्पेक्टर के पदों पर भी विज्ञप्ति निकाली जाएगी.
- प्रदेश में कांस्टेबल पद पर मैदानी जिलों की तुलना में आधा समय सीमा यानी 16 साल के लिहाज से 8 साल, इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर पद पर भी इसी तरह 12 साल मैदानी तो 6 साल पहाड़ पर वही 8 साल मैदान में तो 4 साल पहाड़ पर तैनाती का फैसला लिया गया है.
- राजस्व पुलिस के रेगुलर पुलिस के रूप में सरकार के स्टैंड को लेकर कमेटी गठित की गई है. जिसमें पूर्व मुख्य सचिव मधुकर गुप्ता, इंदु कुमार पांडे और पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी को सदस्य बनाया गया है.
- उत्तराखंड पुलिस में प्रोफेशनल्स को भी शामिल करने पर सहमति बनी है.
गृह सचिव ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस विभिन्न मामलों में 70 प्रतिशत अनावरण कर रही है तो वही गंभीर अपराधों में 90 प्रतिशत मामलों का अनावरण किया जा रहा है. गैरसैंण में भी आईआरबी बटालियन (भारतीय रिजर्व बटालियन) को स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया है. उधर बॉर्डर पोस्ट को भी स्थापित किए जाने पर चर्चा की गई है. पुलिस विभाग में महिलाओं का प्रतिनिधित्व प्रदान बढ़ाने पर मंथन किया गया है.