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Home guard weapon: एसएलआर और पिस्टल से लैस होंगे होमगार्ड, अपराधियों के छूटेंगे पसीने - अपराधियों के छूटेंगे पसीने

आने वाले दिनों में उत्तराखंड पुलिस हाईटेक दिखाई देगी. साथ ही होमगार्ड के हाथों में भी आधुनिक हथियार दिखाई देंगे. अब तक होमगार्ड के हाथों में लाठी ही दिखाई देती थी. कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए होमगार्ड भी हाईटेक हथियारों से लैस होंगे.

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Published : Jan 16, 2023, 9:32 AM IST

डोईवाला: उत्तराखंड पुलिस हाईटेक होने जा रही है. अब अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस आधुनिक हथियारों से लैस होगी. पुलिस महानिरीक्षक होमगार्ड्स केवल खुराना की देखरेख में देहरादून के थानों रेंज में जवानों को 13 दिवसीय एसएलआर प्रशिक्षण दिया गया है. उन्होंने ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चलता रहेगा. एसएलआर के बाद एक महीने के अंदर 100 पिस्टल भी जवानों को मिल जाएंगी.

गौर हो कि पुलिस विभाग में अंग्रेजी शासन काल से प्रचलित थ्री नॉट थ्री (303) जैसे अन्य तरह के पुराने बड़े हथियारों को रिप्लेस कर उनकी जगह आधुनिक तकनीक से लैस शॉर्ट वेपन चलन में लाने की प्रक्रिया चल रही हैं. पुलिसकर्मियों को नई पिस्टल और हथियार देकर हाईटेक किया जा रहा है. जिसका मकसद स्मार्ट पुलिसिंग को बढ़ावा देकर शहरी क्षेत्रों में बेहतर कानून व्यवस्था स्थापित करना है. पुलिस महानिरीक्षक होमगार्ड्स केवल खुराना ने बताया कि नई चौकियां खोलने की तैयारी चल रही है. नए थाना व चौकियों में पुलिस के सहयोग के लिए शांति एवं कानून व्यवस्था में ड्यूटी के लिए सशस्त्र होमगार्ड्स को तैनात किया जाना है.
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उन्होंने आगे बताया कि इस फायरिंग अभ्यास का मुख्य उद्देश्य वर्तमान में पुलिस विभाग, शासन, प्रशासन, जिलाधिकारी कार्यालयों, तहसीलों, राज्य स्तरीय कार्यालयों, प्रतिष्ठानों निगमों, विभिन्न राजकीय मेलों, राजकीय धरोहर स्थलों, निर्वाचन ड्यूटी में सुरक्षा के दृष्टिगत सशस्त्र होमगार्ड्स तैनात किए जाने की बढ़ती मांग है. ट्रेनिंग के बाद इनकी तैनाती की जायेगी. उन्होंने बताया कि पहले ट्रेनिंग के 220 रुपये मिलते थे. अब ड्यूटी भत्ता के साथ ट्रेनिंग भत्ता दिया जा रहा है. अब बीमार होने पर हॉस्पिटल में इलाज कराने पर 6 महीने का ड्यूटी भत्ता भी दिया जायेगा.

जल्द ही 10 जनपदों में महिला प्लाटून खोलने की तैयारी की जा रही है. वहीं ट्रेनिंग लेने वाले होमगार्ड के जवान ने बताया कि 13 दिनों में उन्हें एसएलआर को कैसे चलाया जाता है और उसे खोला और जोड़ा कैसे जाता है, सभी सीखने को मिला है. वहीं थानों क्षेत्र में बने इस ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण की सभी सुविधाएं मौजूद हैं.

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