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दक्षिण अफ्रीका के कारोबार का किंग था गुप्ता बंधुओं का परिवार, डाटा लीक होने से मच गई थी खलबली

गुप्ता बंधु परिवार की कहानी की शुरुआत सहारनपुर निवासी शिव कुमार गुप्ता से होती है, जो सहारनपुर से दिल्ली होते हुए साउथ अफ्रीका तक पहुंचती है. सफलता से लेकर विवादों की कहानी लोगों में काफी लोकप्रिय है.

गुप्ता ब्रदर्स.

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Published : Jun 10, 2019, 7:17 PM IST

Updated : Jun 10, 2019, 8:01 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में आगामी 18 जून से 22 जून तक होने वाली 200 करोड़ की शाही शादी इन दिनों चर्चाओं में है. औली में होने जा रही इस शाही शादी में आने वाले मेहमानों की लिस्ट और उनकी आवभगत की सुविधाएं लगातार सुर्खियों में है. देहरादून से लगे सहारनपुर से साउथ अफ्रीका पहुंचे गुप्ता बंधु शादी से पहले भी काफी चर्चित रहे हैं. साथ ही इनके शोहरत की कहानी भी काफी पुरानी और लोकप्रिय है.

गुप्ता बंधु परिवार की कहानी की शुरुआत सहारनपुर निवासी शिव कुमार गुप्ता से होती है, जो सहारनपुर से दिल्ली होते हुए साउथ अफ्रीका तक पहुंचती है. शिव कुमार गुप्ता सहारनपुर से दिल्ली में शोप स्टोन पाउडर जोकि सिंक और फर्श बनाने में इस्तेमाल होता है, का कारोबार करते थे. उन्होंने एसकेजी यानी शिव कुमार गुप्ता नाम से एक फर्म बनाई. इसके साथ मसालों के व्यवसाय में भी हाथ आजमाया.

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साउथ अफ्रीका में दिखी भविष्य की नींव
शिव कुमार गुप्ता के तीनों बेटे अजय, अतुल और राजेश विरासत में मिले धंधे के तजुर्बे के साथ अलग-अलग देशों में अपनी किस्मत आजमाने निकल गए. बड़े बेटे अजय गुप्ता रूस, छोटा भाई राजेश चीन और बीच वाला भाई अतुल साउथ अफ्रीका की ओर निकल गए. लेकिन कुछ ही सालों में पिता शिव कुमार गुप्ता की वो बात सच हो गयी, जो वो कहा करते थे कि भविष्य साउथ अफ्रीका में है. इसके बाद तीनों भाई साउथ अफ्रीका में जम गए.

साउथ अफ्रीकी विकास में ही किया व्यापार का विकास
1993 में सहारनपुर से दक्षिण अफ्रीका पहुंचे अजय, अतुल और राजेश गुप्ता ने थोड़े समय में ही दक्षिण अफ्रीका में बड़ा साम्राज्य स्थापित कर लिया. यह वह दौर था, जब दक्षिण अफ्रीका से अल्पसंख्यक गोरों का शासन खत्म हुआ और नेल्शन मंडेला ने साउथ अफ्रीका की पहले लोकतांत्रिक सरकार की कमान संभाली. दक्षिण अफ्रीका में बनी इस पहली लोकतांत्रिक सरकार ने देश में विकास को रफ्तार देने के लिए दुनिया के लिए साउथ अफ्रीका के दरवाजे खोल लिए थे.

गुप्ता ब्रदर्स ने कमाई कई क्षेत्रों में तरक्की
गुप्ता परिवार के व्यवसाय के साथ-साथ उनका वर्चस्व बढ़ता गया. 2009 में जैकब जुमा के राष्ट्रपति बनने से पहले ही गुप्ता बंधुओं के अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस से काफी करीबी रिश्ते बन चुके थे. गुप्ता ब्रदर्स की मालिकाना हक वाली कंपनी सहारा में जैकब जुमा के परिवार के कई व्यक्ति महत्वपूर्ण पदों पर पदोन्नित थे. गुप्ता ब्रदर्स ने कंप्यूटर, खनन, मीडिया, टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में खूब तरक्की की. साल 2010 में गुप्ता परिवार ने द न्यूज एज नाम से एक अखबार लांच किया, जिसे सत्ता धारी जैकब जुमा का अखबार माना जाता था. 2013 में परिवार ने एएनएन-7 नाम से एक 24 घंटे के न्यूज चैनल को भी शुरू किया.

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पहले भी कर चुके हैं बेटी की शाही शादी
18 जून से 22 जून तक उत्तराखंड में औली में होने जा रही 200 करोड़ की शादी से पहले भी शाही शादी हो चुकी है. 2013 में साउथ अफ्रीका में ही गुप्ता ब्रदर्स की बेटी व्यंगा गुप्ता की थी. इस शाही शादी में भारत से आये मेहमानों के लिए अफ्रीका में सैन्य एयर बेस का इस्तेमाल किया गया था, जिसके बाद यह शादी भी काफी सुर्खियों में थी.

2013 में हुई शादी में मेहमानों के ठहरने के लिए साउथ अफ्रीका के सबसे शानदार रिजोर्ट सनसिटी जक्जरी रिजोर्ट में कमरे बुक करवाए गए थे.

पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ रहा विवादित नाता
2015 में पूर्व उप वित्तमंत्री जोनास वेमसी ने दावा किया था कि गुप्ता ब्रदर्स ने उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की. साथ ही जोनास ने आरोप लगाया कि गुप्ता ब्रदर्स ने उन्हें 5 करोड़ डॉलर देने की कोशिश की थी. इसके बाद दक्षिण अफ्रीकी सरकार की लोकपाल की रिपोर्ट से वहां सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया, जिसके बाद गुप्ता परिवार और पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा ने सरकारी अनुबंधों को पाने के लिए नियमों की अनदेखी कर एक-दूसरे की मदद की.

2017 में जुमा और गुप्ता परिवार के बीच हालत तब और बिगड़ गये जब 1 लाख से ज्यादा ईमेल लीक हो गए, जिसमें जुमा और गुप्ता ब्रदर्स के बीच अनुबंधों का ब्योरा था. जुमा के इस्तीफे और अफ्रीकी सरकार के कड़े रुख के बाद अब हालात और खराब हो गये हैं. गुप्ता परिवार को फंडिग करने वाले एक भारतीय बैंक ने दक्षिण अफ्रीका में अपना व्यवसाय बंद कर दिया है. दक्षिण अफ्रीका के चार बड़े बैंक एबीएसए, एफएनबी, स्टैंडर्ड बैंक और नेड बैंक ने मार्च 2016 में ही गुप्ता परिवार की ओकबे कंपनी को और उसकी सहायक कंपनियों को बैंकिग सुविधा देने से मना कर दिया.

Last Updated : Jun 10, 2019, 8:01 PM IST

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