देहरादून:उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. कार्यक्रम का आयोजन एफआरआई में 8 यानि आज से 9 दिसबंर तक होना है. दरअसल एफआरआई एक वैश्विक ऐतिहासिक धरोहर है, जिसे डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा भी प्राप्त है. करीब 7 एकड़ क्षेत्र में फैले एफआरआई में दुनियाभर के पेड़-पौधों पर शोध किए जाते हैं. एफआरआई का इतिहास देश की आजादी से सालों पुराना है, क्योंकि, ब्रिटिश काल के दौरान 1878 में इंपीरियल फॉरेस्ट स्कूल के नाम से इसकी शुरुआत की गई थी. इसके बाद साल 1906 में ब्रिटिश सरकार ने वानिकी अनुसंधान को बढ़वा देने के लिए इसका नाम बदलकर फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट रखा था. इसके बाद साल 1929 में एफआरआई के मुख्य भवन का उद्घाटन किया गया था.
एफआरआई को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा:देश की आजादी के बाद साल 1986 में वानिकी अनुसंधान और शिक्षा को देखते हुए वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद का गठन किया गया और फिर साल 1988 में एफआरआई और इसके शोध केंद्रों को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन लाया गया. यही नहीं, साल 1991 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एफआरआई को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा भी दे दिया. मौजूदा समय में एफआरआई, भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद राष्ट्रीय वानिकी अनुसंधान प्रणाली में देश की सबसे बड़ी निकाय है.
आज से शुरू होगा उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट:बता दें कि उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का आयोजन 8 यानि आज और 9 दिसंबर को देहरादून स्थित ऐतिहासिक धरोहर एफआरआई में हो रहा है. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समापन गृहमंत्री अमित शाह करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार एफआरआई पहुंच रहे हैं, क्योंकि साल 2018 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एफआरआई परिसर में योग महोत्सव का आयोजन किया गया था. जिसमें पीएम मोदी शामिल हुए थे.
ग्रीक रोमन शैली मेंबनी फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की बिल्डिंग:फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की बिल्डिंग ग्रीक रोमन शैली में बनी हुई है. एफआरआई का परिसर करीब 7 एकड़ में फैला हुआ है. इसका ब्लूप्रिंट सीजी विलियम लूट्यन्स ने तैयार किया था. इस दौरान इस बिल्डिंग के निर्माण में करीब सात साल का वक्त लगा था और उस दौरान लाखों रुपए खर्च हुए थे. एफआरआई में देश का सबसे बड़ा हरबेरियम है, जिसकी स्थापना 1908 में की गई थी. इस हरबेरियम में दुनिया भर के करीब साढ़े तीन लाख से अधिक वनस्पतियों के सैंपल मौजूद हैं. साथ ही इन वनस्पतियों के सैंपल में से 1300 वनस्पतियों के सैंपल ऐसे हैं, जिन्हे विज्ञानियों ने पहली बार खोजा था और फिर उसके सैंपल को संभालकर रख लिया गया.