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ऋषिकेश: पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों में जगी नागरिकता की आस

नागरिकता न होने की वजह से हर साल इन हिंदू शरणार्थियों से जुआन के रूप में हजारों रुपये भी वसूले जाते थे. लेकिन सीएए लागू होने के बाद उन्हें उम्मीद है कि अब उनको नागरिकता जल्द मिल जाएगी.

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ऋषिकेश

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Published : Jan 15, 2020, 11:33 PM IST

ऋषिकेश: नागरिक संशोधन कानून-2019 (सीएए) बनने के बाद उत्तराखंड के ऋषिकेश में 30 सालों से रहे 148 हिंदू शरणार्थी परिवारों को नागरिकता मिलने की आस जग गई है. ये लोग पिछले काफी समय से नागरिकता के लिए प्रयास कर रहे थे. बुधवार को प्रदेश महामंत्री अनिल गोयल ने शरणार्थी परिवारों से मुलाकात कर उनकी समस्या सुनीं.

हिंदू शरणार्थियों में जगी नागरिकता की आस

पाकिस्तान से आए हिंदू करीब 30 साल पहले ऋषिकेश में बस गए थे और यहीं पर अपना व्यवसाय चला रहे हैं, लेकिन आज तक इन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिली है, जिससे इन किसी योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है.

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ऋषिकेश में रह रहे इन परिवारों का कहना है कि पहले की सरकारों से भी उन्होंने पत्राचार कर नागरिकता देने की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनीं. नागरिकता न होने की वजह से हर साल उनसे जुर्माने के रूप में हजारों रुपये भी वसूले जाते थे. लेकिन सीएए लागू होने के बाद उन्हें उम्मीद है कि अब उनको नागरिकता जल्द मिल जाएगी.

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बुधवार को ऋषिकेश पहुंचे बीजेपी के प्रदेश महामंत्री अनिल गोयल ने भी शरणार्थियों से मुलाकात की. गोयल ने इन लोगों को आश्वासन दिलाया की उनको जल्द ही नागरिकता दिलाई जाएगी. गोयल ने कहा कि प्रत्येक स्थान पर तीन-तीन लोगों की टीम बनाकर यहां रहने वाले लोगों का चिन्हीकरण किया जाएगा और फिर उनका रजिस्ट्रेशन होगा. इस प्रक्रिया के बाद शरणार्थियों को नागरिकता मिल जाएगी.

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