देहरादून: हर साल की तरह इस साल भी दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन सभी अपनी जिंदगी से जुड़ी प्रेरणादायक महिलाओं को अपने तरीके से सेलिब्रेट करते हैं. साथ ही समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ईटीवी भारत आपको एक ऐसी तस्वीर दिखाने जा रहा है, जिसको देखकर आप यह सोचने के लिए मजबूर हो जाएंगे कि क्या एक महिला होना पहाड़ की महिला के अभिशाप है.
दरअसल, एक ओर जहां पूरे विश्व अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है तो वहीं, उत्तराखंड में पहाड़ों पर रहने वाली महिलाएं के लिए यह दिन आम दिनों जैसा ही है. पहाड़ों की महिलाएं सुबह लेकर से शाम तक सिर्फ और सिर्फ संघर्ष करती रहती हैं. पीठ पर बोझा लादे इन महिलाओं की तस्वीर आपको हैरान कर सकती है. यह तस्वीर पहाड़ कई महिलाओं की है जो ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से न सिर्फ खाना बनाने के लिए लकड़ी का बोझा अपने पीठ पर लाद कर लाती हैं. बल्कि पशुओं के लिए भी पहाड़ियों से चारा भी लाती हैं.
आखिर कितना चुनौती भरा है पहाड़ का जीवन. लकड़ी और चारा ले जाने वाली कुछ महिलाओं ने ईटीवी भारत की टीम ने अपना दर्द बयां किया. वही महिलाओं ने बताया कि सड़क का चौड़ीकरण के चलते कच्चे रास्तों को बर्बाद कर दिया गया. जिसके चलते उन्हें एक लंबा सफर तय करना पड़ता है. यही नहीं सड़क निर्माण के चलते उन्हें भारी भरकम बोझा लादकर, उबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्तों से होकर जाना पड़ता है.