उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

देहरादून: नई शिक्षा नीति के अध्ययन के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन - Dehradun News

प्रदेश में नई शिक्षा नीति के ध्ययन के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है. ये कमेटी 40 दिनों के बाद शासन के सामने अपने विचार रखेगी.

high-level-committee-constituted-to-study-new-education-policy
नई शिक्षा नीति के अध्ययन के लिए गठित की गई उच्च स्तरीय कमेटी

By

Published : Aug 17, 2020, 9:03 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 9:42 PM IST

देहरादून: देश में करीब 34 सालों बाद नई शिक्षा नीति को तैयार किया गया है. उत्तराखंड में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का फैसला लिया गया है. ये कमेटी 40 दिनों के भीतर शासन को नीति का अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट देगी.

सचिवालय में शिक्षा विभाग से जुड़े तमाम अधिकारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा करने के लिए मौजूद रहे. उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्य की तरफ से आगामी कदम क्या होंगे, इसको लेकर बातचीत की गई. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विस्तृत अध्ययन करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाय, जो 40 दिनों के भीतर अपने सुझाव शासन को प्रस्तुत करेगी.

पढ़ें-CM के गांव खैरासैंण से बडखोलू तक कयाकिंग एंड केनोइंग का हुआ ट्रायल

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तृत अध्ययन के लिए गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं सलाहकार उच्च शिक्षा प्रो.एमएसएम रावत की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया गया. जिसमें समस्त राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक उच्च शिक्षा, उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति और शासन स्तर से सचिव स्तर का अधिकारी बतौर सदस्य रहेंगे. 40 दिनों के भीतर ये सभी शासन को सुझाव देंगे.

पढ़ें-बेरीपड़ाव से चेतन चौहान का रहा है गहरा नाता, युवाओं के लिए देखा ये सपना रह गया

चर्चा के दौरान उच्च शिक्षा विशेषज्ञों ने बताया कि बहु विषयक शिक्षा के प्रावधान के तहत स्नातक उपाधि तीन या चार वर्ष की अवधि की होगी. जिसमें छात्रों को किसी भी विषय या क्षेत्र में एक साल पूरा करने पर प्रमाण पत्र, दो साल पूरा करने पर डिप्लोमा, तीन वर्ष की अवधि के बाद स्नातक की डिग्री प्रदान की जायेगी.

जबकि चार वर्ष के कार्यक्रम में शोध सहित डिग्री प्रदान की जायेगी. पीएचडी के लिए या तो स्नातकोतर डिग्री या शोध के साथ चार वर्ष की स्नातक डिग्री अनिवार्य होगी. इसके अलावा नई शिक्षा के तहत तीन प्रकार के शिक्षण संस्थान होंगे, जिसमें अनुसंधान विश्वविद्यालय, शिक्षण-अनुसंधान, स्वायत महाविद्यालय शामिल हैं. जबकि संबद्धता वाले विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों का कॉन्सेप्ट समाप्त हो जायेगा.

Last Updated : Aug 17, 2020, 9:42 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details