देहरादून:उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित क्षेत्र आराकोट बंगाण में राहत और बचाव के मिशन में जुटा एक हेलीकॉप्टर बुधवार को क्रैश हो गया. जिसमें एक पायलट समेत तीन लोगों की मौत हो गई. इस हादसे के बाद मृतक पायलट के साथियों ने राज्य सरकार से विदेशों की तर्ज पर पहाड़ी क्षेत्रों में लगे केबलों को मार्क करने की गुहार लगाई है.
सरकार ने कराई होती केबल मार्किंग तो नहीं होता इतना बड़ा हादसा दरअसल, मोल्डी गांव में राहत सामग्री पहुंचाने के बाद हेलीकॉप्टर वापस मोरी तहसील की तरफ जैसे ही उड़ान भर रहा था, उसी समय स्थानीय लोगों द्वारा सेबों की ढुलाई के लिए लगाई गई केबल से वो टकरा गया. जिस कारण उसमें आग लग गई और वह क्रैश हो गया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि यह तार पायलट को अधिक ऊंचाई से नजर नहीं आती. एक तार की वजह से ना सिर्फ करोड़ों का हेलीकॉप्टर बर्बाद हो गया, बल्कि तीन लोग भी मौत के मुंह में समा गये.
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वहीं कैप्टन एसके जाना ने सरकार से पर्वतीय क्षेत्रों में वैली को पार कराने वाली केवल तारों की मार्किंग करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक कुछ सामान पहुंचाने या लोगों को नदी पार कराने के लिए केबल लगाई जाती हैं, लेकिन उनकी मार्किंग नहीं की जाती. उन्होंने कहा कि इन केबलों में विदेशों की तर्ज पर बैलून लगाकर मार्किंग करनी चाहिए. जिससे भविष्य में हेलीकॉप्टर के पायलटों को इस तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन को इस तरह की केबल वायर की व्यवस्थाओं को किसी भी ऑपरेशन से पहले ही सुनिश्चित कर लेना चाहिए. जिससे रेस्क्यू के समय चॉपर उड़ाने वाले जांबाज पायलट को केबल दिख जाए.
वहीं हेरिटेज हेली कंपनी के सीईओ रोहित लाल ने बताया कि मोरी तहसील से राहत सामग्री को आपदा ग्रस्त क्षेत्र में पहुंचाया जा रहा था. हालांकि, हादसा होने से पहले एक या दो बार राहत सामग्री हेलीकॉप्टर पहुंचा चुका था. उन्होंने बताया कि दोबारा सामान को ड्राप करने के लिए जैसे ही हेलीकॉप्टर ने टेक ऑफ किया, उसी समय वह एक वायर से टकराकर डिसबैलेंस हो गया और पायलट हेलीकॉप्टर को कंट्रोल नहीं कर पाया. जिस कारण यह भीषण हादसा हुआ है.