उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

वन्यजीवों का पलायन रोकने में मददगार मुहिम, लैंटाना उन्मूलन पर विभाग का बड़ा अभियान - उत्तराखंड न्यूज

उत्तराखंड वन विभाग ने अपनी स्टडी के दौरान पाया है कि वनों में घास पर निर्भर रहने वाले वन्यजीवों का पलायन धीरे-धीरे वन क्षेत्रों में ऊंची जगह पर हो रहा है. इसी के कारण अपने भोजन की तलाश में लेपर्ड और बाघ भी यहां से पलायन कर रहे हैं.

uttarakhand
uttarakhand

By

Published : Jun 18, 2021, 5:20 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के जंगलों से वन्यजीवों का पलायन न सिर्फ जानवरों के लिए समस्या पैदा कर रहा है, बल्कि वन विभाग भी इसको लेकर चिंतित दिखाई दे रहा है. हालांकि अब जानवरों के पलायन का मुख्य कारण बन रहे लैंटाना को जड़मूल से खत्म करने के लिए विभाग ने खास प्लान भी तैयार कर लिया है.

उत्तराखंड वन विभाग ने अपनी स्टडी के दौरान पाया है कि वनों में घास पर निर्भर रहने वाले वन्यजीवों का पलायन धीरे-धीरे वन क्षेत्रों में ऊंची जगह पर हो रहा है. इसी के कारण अपने भोजन की तलाश में लेपर्ड और बाघ भी यहां से पलायन कर रहे हैं. वन विभाग के लिए वन्यजीवों का इस तरह पलायन करना चुनौतीपूर्ण और परेशानी पैदा करने वाला है. लिहाजा उत्तराखंड वन विभाग ने कैंपा से जारी 178.86 करोड़ रुपए के बजट में से लैंटाना उन्मूलन पर भी विशेष फोकस किया है.

पढ़ें-ट्रॉली के सहारे चल रही भगत सिंह कोश्यारी के गांव की जिंदगी, अब तो सुध लो 'सरकार'

इसके तहत राज्य को करीब ₹38 करोड़ दिए गए हैं, जिसमें न केवल लैंटाना को हटाया जाना है, बल्कि घास के मैदान भी विकसित करने हैं. इसके जरिए करीब 12 हजार हेक्टेयर में घास के मैदान को स्थापित करना वन विभाग के लिए चुनौती है. इस काम में घास के लिए बीज बुआन और नर्सरी का विकास होगा.

खास बात यह है कि इस मौसम में लैंटाना को हटाना काफी आसान रहता है. साथ ही घास के मैदान विकसित करने में भी कोई ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. इसकी मॉनिटरिंग के लिए थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग और इंटरनल मॉनिटरिंग के साथ डॉक्यूमेंटेशन भी किया जाएगा. अच्छी बात यह है कि इस काम से करीब 5 से 8 हजार लोगों को भी काम मिल सकेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details