देहरादून: देशभर में सड़क सुरक्षा की अलख जगाने वाले 'हेलमेट मैन' राघवेंद्र अब उत्तराखंड में जागरूकता अभियान के लिए पहुंचे हैं. सड़क हादसे में अपने दोस्त कृष्ण कुमार की मौत का उनके दिलो दिमाग में इतना गहरा असर हुआ कि, उन्होंने सड़क सुरक्षा की मुहिम चलाने के लिए अपने घर तक को बेच दिया. पिछले 8 सालों से देश के 22 राज्यों में लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने वाले राघवेंद्र कुमार इन दिनों उत्तराखंड में अपने मिशन के लिए पहुंचे हैं.
बता दें कि 'हेलमेट मैन ऑफ इंडिया' नाम से अपनी पहचान बनाने वाली राघवेंद्र कुमार बिहार के कैमूर जिले के रहने वाले हैं. राघवेंद्र किसान के बेटे हैं और गरीब परिवार से आते हैं, लेकिन अपनी आंखों में कई सपने लेकर 2009 में वह लॉ से ग्रेजुएशन करने के वह दिल्ली पहुंचे थे. इस दौरान उनकी कई लोगों से दोस्ती हुई थी, लेकिन कृष्ण कुमार से उनकी दोस्ती समय के साथ काफी गहरी होती चली गई. राघवेंद्र, कृष्ण कुमार को अपने बड़े भाई की तरह मानते थे. कृष्ण कुमार भी बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले थे.
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29 मार्च 2014 को आज ही के दिन राघवेंद्र को खबर मिली की कृष्ण का एक्सीडेंट हो गया है. आनन-फानन में राघवेंद्र अपने दोस्तों के साथ कृष्ण को लेकर अस्पताल पहुंचे. बता दें कि कृष्ण कुमार किसी काम से अपनी बाइक से ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे से गुजर रहे थे, तभी पीछे से एक ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी. वहीं, हादसे के वक्त उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था, जिसके चलते उनके सिर पर गहरी चोट आई थी. लेकिन डॉक्टर उन्हें नहीं बचा पाए और 8 दिनों के के बाद कृष्ण की मौत हो गई. राघवेंद्र के सबसे प्रिय दोस्त कृष्ण की सांसे हमेशा-हमेशा के लिए थम गई. कृष्ण अपने माता-पिता के इकलौते लड़के थे. कृष्ण की मौत राघवेंद्र के लिए किसी सदमें से कम नहीं थी.
अपने बेहद करीबी मित्र को सड़क हादसे में खोने का राघवेंद्र पर गहरा असर पड़ा, जिसके बाद राघवेंद्र ने ठाना कि कोई भी अपनों को इस तरह से ना खोये इसके लिए वो एक मुहीम चलायेंगे. इसके लिए पिछले 8 सालों में राघवेंद्र देशभर के 22 राज्यों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता अभियान चला रहे हैं. इतना ही नहीं इस मुहीम को जिंदा रखने के लिए राघवेंद्र ने ना सिर्फ अपनी नौकरी छोड़ी, बल्कि अपना घर सहित 7 बीघा जमीन बेचकर देशभर दुपहिया सड़क हादसा से बचाव को लेकर जागरूकता अभियान बड़ी शिद्दत से जारी रखे हुए हैं.
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