देहरादून:भारत सरकार के1 सितंबर से मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के संशोधन के बाद पुलिस टीम ने सड़क पर भारी भरकम जुर्माना वसूलना शुरू कर दिया है. ऐसे में इससे बचने के लिए जहां एक तरफ लोग अपने वाहनों की प्रदूषण जांच, बीमा इत्यादि कराने में जुटे हैं. वहीं दूसरी तरफ इन दिनों बाजारों में हेलमेट की मांग भी काफी बढ़ गई है.
मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए संशोधन के तहत अब हेलमेट न पहनने पर 100 रुपए की जगह 1000 तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा अन्य जुर्माने में भी बढ़ोत्तरी की गई है. अब वे लोग भी हेलमेट खरीदने दुकानों का रुख कर रहे हैं, जो अब तक हेलमेट को बोझ समझते थे.
पढ़ेंः मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में कल थमेंगे कमर्शियल वाहनों के पहिये, सुबह से शाम तक न करें सफर
हेलमेट की डिमांड को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी देहरादून के कुछ स्थानीय व्यापारियों से बात की. उन्होंने बताया कि बीते 10 दिनों में हेलमेट की डिमांड में लगभग 20 से 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. ज्यादातर लोग आईएसआई प्रमाणित हेलमेट खरीद रहे हैं. जिसकी कीमत बाजार में 400 रुपए से शुरू होकर 5 से 6 हजार रुपए तक है. वहीं कुछ 10 प्रतिशत ऐसे लोग भी हैं, जो चंद पैसे बचाने के लालच में लोकल कंपनी द्वारा निर्मित हेलमेट खरीद रहे हैं. उन्हें इससे मतलब नहीं कि हेलमेट ISI प्रमाणित है या नहीं. इनकी कीमत 150 रुपए से शुरू होकर 400 रुपए तक है.
पढ़ेंः गड्ढे दे रहे हादसों को दावत, कुम्भकरणी नींद में सोया PWD महकमा