देहरादून:चारधाम यात्रा शुरू हुए एक सप्ताह से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक हेलीकॉप्टर सेवा शुरू नहीं हो पाई है. जिससे चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों को हेली सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जबकि देश-विदेश से गढ़वाल मंडल निगम स्थित चारधाम कंट्रोल रूम में दर्जनों कॉल हेलीकॉप्टर सेवा बुकिंग के लिए आ रहे हैं.
हेली सेवा बहाल न होने का सबसे बड़ा कारण सरकार और एविएशन कंपनियों के बीच सामंजस्य न होना बताया जा रहा है. गौर हो कि चारधाम यात्रा में हेली सेवा के लिए मंगलवार को सरकार द्वारा 8 सिविल एविएशन कंपनियों के साथ बैठक आयोजित की गई थी. लेकिन उसमें मात्र एक ही कंपनी के पहुंचने से बैठक बेनतीजा रही.
दरअसल हेलीकॉप्टर सेवा के टिकटों में हुई कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए इस वर्ष सरकार द्वारा 70 फीसदी बुकिंग ऑनलाइन कर दी गई है. साथ ही 30 प्रतिशत ऑफलाइन बुकिंग की व्यवस्था बनाई गई. पिछले दिनों टेंडर प्रक्रिया के दौरान सरकार ने एविएशन कंपनी को नियम के तहत बाधित करते हुए हेली सेवा बुकिंग के लिए पैरामीटर तय किए थे. उधर हेली कंपनियों ने इस मामले में कैरिज एक्ट 1935 के तहत सरकार द्वारा बुकिंग मामले में नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
इस वजह से नाराज हैं कंपनियां
उधर हेली सेवाओं के लिए 70 फीसदी टिकट बुकिंग की राशि पहले सीधे सरकार के खाते में जाएगी, फिर कुछ समय बाद औपचारिकताएं पूरी कर टिकट का भुगतान एविएशन कंपनियों को किया जाएगा. भुगतान में देरी होने की आशंका के चलते भी एविएशन कंपनियां फिलहाल हेली सेवाएं बहाल करने से पीछे हट रही हैं.
घोड़े, खच्चर और पालकी वालों की मनमानी
उधर केदारनाथ में हेलीकॉप्टर सेवा सुचारू रूप से बहाल न होने के चलते अब घोड़े ,खच्चर और पालकी संचालन करने वाले यात्रियों से मनमाना दाम वसूल रहे हैं. ऐसे में इन पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक गौरीकुंड से केदारनाथ तक पालकी द्वारा सवारी करने वाले यात्रियों से आने-जाने का किराया लगभग 9 हजार रुपये वसूला जा रहा है. वही घोड़े खच्चर वाले भी केदारनाथ धाम जाने-आने का किराया प्रति व्यक्ति से 35 सौ रुपये से 4 हजार के बीच ले रहे हैं.