मसूरी: विश्व पर्यटन दिवस पर बिना वन विभाग की अनुमति के पर्यटन विभाग ने इको सेंसेटिव जोन और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में स्थित ऐतिहासिक जॉर्ज एवरेस्ट पर हेलीकॉप्टर का ट्रायल करा दिया, जिसका लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. पर्यटन विभाग जॉर्ज एवरेस्ट हाउस से पर्यटकों को हिमालय दर्शन कराने और मसूरी से हरिद्वार और ऋषिकेश को जोड़ने की कवायद में है, लेकिन जॉर्ज एवरेस्ट में हेली सेवा का ट्रायल होने के बाद एकाएक विवाद शुरू हो गया.
इको सेंसेटिव जोन और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में हेली सेवा के ट्रायल होने के विरोध में सभासद जसवीर कौर, सभासद पकंज खत्री और पर्यावरण मित्र राम प्रसाद कवि ने मसूरी डीएफओ को ज्ञापन सौंपा है. जसवीर कौर ने कहा सरकार पर्यटन के नाम पर व्यवसायीकरण कर रही है. जॉर्ज एवरेस्ट इको सेंसिटिव जोन में आता है. जहां विभिन्न प्रजाति के जंगली जानवर और बेशकीमती प्रजातियों के फल पौधे हैं.
ऐसे में हेली सेवा शुरू होने से जानवरों के साथ पेड़ पौधों को भारी नुकसान पहुंचेगा. जॉर्ज एवरेस्ट के आसपास का क्षेत्र इको सेंसिटिव जोन और जॉर्ज एवरेस्ट के सामने वाइल्ड लाइफ सेंचुरी है, लेकिन उसके बाद भी बिना वन विभाग के अनुमति के पर्यटन विभाग ने जार्ज एवरेस्ट पर हेलीकॉप्टर लैंड करा दिया. जो नियम विरुद्ध है. अगर जॉर्ज एवरेस्ट में हेली सेवा को शुरू किया जाता है तो उसका पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे.
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