विकासनगर: जौनसार बावर के इष्टदेव में से एक छत्रधारी चालदा महासू महाराज बीते दिन अपने नियत समय पर अगले पड़ाव की ओर रवाना हुए. समाल्टा मंदिर से विधि-विधान से देव डोली और देव चिन्हों को मंदिर से बाहर निकाला गया. छत्रधारी चालदा महासू महाराज के जयघोष के साथ ही आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा. छत्रधारी चालदा देवता को विदाई देने वाले श्रद्धालुओं का भारी भीड़ उमड़ी. जिसके चलते जहां एक ओर समाल्टा क्षेत्र के श्रद्धालुओं में उनके जाने का गमगीन माहौल देखने को मिला तो वहीं उनको लेने आए दसौऊ पंशगांव व खत बमठाड के लोगों में महाराज के आगमन की खुशी देखने को मिली. इस दौरान क्षेत्रीय विधायक प्रीतम सिंह भी यात्रा में शामिल हुए. उन्होंने चालदा महाराज के दर्शन किए.
हमेशा चलायमान रहते हैं महासू महाराज: सभी इष्ट देव के मंदिर जौनसार बावर के विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद हैं. जिनमें से कई मंदिर काफी पौराणिक व ऐतिहासिक हैं. इन्हीं में से एक हनोल का महासू महाराज का मंदिर भी है. इन्हीं चार भाई महासू में से एक छत्रधारी चालदा महासू महाराज हैं, जो हमेशा चलाएमान ही रहते हैं. मौजूदा समय में छत्रधारी चालदा महाराज खतपट्टी समाल्टा गांव के मंदिर में 18 माह तक विराजमान रहे. अब इनका अगला पड़ाव 2 साल के लिए खत पट्टी दसौऊ पशगांव में है. जिसके प्रवास के लिए पूरे विधि विधान के साथ छत्रधारी चालदा महाराज की देव डोली और उनके निशान मंदिर से दसौऊ की ओर प्रस्थान किया. वहीं, छत्रधारी चालदा महाराज खतपट्टी बमठाड के नराया गांव में रात्रि प्रवास पर रहेंगे.
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महासू महाराज के प्रस्थान पर श्रद्धालु हुए भाव विभोर: समाल्टा गांव की रेनू की आंखों में आंसू छलक रहे थे. उन्होंने बताया कि हमें बुरा लग रहा है कि चालदा महासू महाराज यहां से प्रस्थान कर रहे हैं. डेढ़ साल से हमारे गांव में देवता के प्रति लग्न है और लोग दूर-दूर से देव दर्शन को आते थे. वहीं, देवता के छत्राई स्याणा मातबर सिंह ने कहा कि यह तो महाराज की लीला है. यह देवता मुलुक मालिक है. जब महाराज जी निकलते हैं पूरा इलाका इकट्ठा हो जाता है.