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मॉनसून पर पड़ा अलनीनो का असर, बढ़ रही गर्मी, देहरादून में आल टाइम रिकॉर्ड के पास पहुंचा तापमान

El Nino effect on monsoon देहरादून में तापमान सितंबर महीने के लिहाज से ऑल टाइम रिकॉर्ड के करीब पहुंच गया है. यही नहीं पहाड़ों पर भी कई जगह तापमान सामान्य से करीब 5 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है. वैसे तो सितंबर में यह स्थिति कई पर्यावरणीय कारणों से हुई है, लेकिन इसमें अलनीनो इफेक्ट भी अहम रोल निभा रहा है.

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मॉनसून पर पड़ा अलनीनो का असर

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 5, 2023, 5:37 PM IST

Updated : Sep 5, 2023, 7:03 PM IST

मॉनसून पर पड़ा अलनीनो का असर

देहरादून: प्रशांत महासागर में तीव्र होते अलनीनो की वजह से सितंबर महीने में गर्मी को लेकर रिकॉर्ड टूट रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि मौसम वैज्ञानिक भी प्रदेश में समय से पहले रिकॉर्ड तोड़ गर्मी होने के पीछे अलनीनो को वजह मान रहे हैं. अलनीनो इफेक्ट सक्रिय होने के कारण मानसून में होने वाली बारिश प्रभावित हो रही है. राजधानी में 1 सितंबर को गर्मी अब तक के ऑल टाइम रिकॉर्ड के पास पहुंच चुकी है. पिछले 11 सालों में यह दूसरा मौका है, जब तापमान ने 35 डिग्री सेल्सियस को पार किया है.

सितंबर में इस साल कैसे टूटने वाला था पिछला रिकॉर्ड

क्या है अलनीनो:प्रशांत महासागर में पेरू के पास समुद्री तट के गर्म होने की घटना को अलनीनोकहा जाता है. इस दौरानसमुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री ज्यादा होता है.

आने वाले दिनों अलनीनो का प्रभाव होगा तेज:अभी मौसम विज्ञान केंद्र अलनीनो के कमजोर होने की बात कह रहा है. साथ ही आने वाले दिनों में इसके प्रभाव को और भी तीव्र होने की आशंका व्यक्त की जा रही है. हालांकि भारत सरकार के मौसम विज्ञान मंत्रालय ने पहले ही इस तरह के इफेक्ट आने की भविष्यवाणी की थी. अब मौसम वैज्ञानिक वेदर एक्टिविटी में कमी आने की बात कहकर तापमान के बढ़ने की बात को स्वीकार कर रहे हैं.उत्तराखंड के तमाम क्षेत्रों में तापमान में आई बढ़ोतरी को अलनीनो इफेक्ट का संकेत माना जा रहा है.

मानसून सीजन में क्या कहते हैं आंकड़े

मैदानी क्षेत्रों में उमस भरी गर्मी का सितम:इन दिनों देहरादून समेत तमाम मैदानी क्षेत्रों में उमस भरी गर्मी का सितम चल रहा है. उधर पर्वतीय क्षेत्रों में भी तापमान सामान्य से अधिक चल रहा है. इसके पीछे की वजह को ग्लोबल वार्मिंग के साथ अलनीनो इफेक्ट से भी जोड़ा जा रहा है. बताया जा रहा है कि यह इफेक्ट मानसून के वापस लौटने तक जारी रहेगा. जिसके कारण सीजन में बारिश सामान्य से कम ही देखने को मिलेगी. इसके चलते न केवल तापमान पहले से ज्यादा बढ़ सकता है, बल्कि किसानों को बारिश की कमी के कारण नुकसान भी हो सकता है.
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मौसम में आने वाले बदलाव हिमालय को करते हैं प्रभावित:हिमालय क्षेत्र का अध्ययन करने वाले जियोलॉजिस्ट एमपीएस बिष्ट ने बताया कि हिमालय जिस तरह मौसम को प्रभावित करता है. इस तरह मौसम में आने वाले बदलाव हिमालय को भी प्रभावित करते हैं. ऐसे में इस बात में कोई शक नहीं है कि अलनीनो का प्रभाव हिमालय और हिमालई क्षेत्र पर भी दिखाई दे रहा है.
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Last Updated : Sep 5, 2023, 7:03 PM IST

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