उत्तराखंड में पैर पसारने लगा डेंगू. देहरादूनः उत्तराखंड में डेंगू के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ा दी है. हर दिन डेंगू का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. राज्य में 28 अगस्त तक डेंगू के कुल 643 मामले सामने आए हैं. इनमें से 418 मरिज देहरादून जिले में मिले हैं. जबकि हल्द्वानी के सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में भी इस समय डेंगू के 15 मरीज भर्ती हैं. जबकि हजार से 1200 मरीज हर दिन अस्पताल में आ रहे हैं.
मंगलवार को उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने दून अस्पताल का बारीकी से निरीक्षण किया. इस दौरान उनके साथ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना, उत्तराखंड की डीजी हेल्थ डॉ. विनीता शाह समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल पहुंचकर ब्लड बैंक, पैथोलॉजी सेंटर, डेंगू आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया. उन्होंने वार्ड में भर्ती मरीज से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी व अस्पताल की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं को जाना.
डॉ. आर राजेश कुमार का कहना है कि डेंगू नियंत्रण को लेकर शासन और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक का निरीक्षण करते हुए प्लेटलेट्स के बारे में भी जानकारी हासिल की गई है. यह भी पता चला है कि अस्पताल में एक ही एफरेसिस मशीन उपलब्ध है, ऐसे में एक और मशीन की व्यवस्था की जाएगी.
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2019 में मिले सबसे ज्यादा मरीज: बता दें कि 2019 में डेंगू ने देहरादून में महामारी का रूप ले लिया था. उसे दौरान सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 4991 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई थी. लेकिन 2020 में कोरोना के कारण जांचें नहीं हो पाई, जिस कारण डेंगू मरीजों का आंकड़ा शून्य रहा. 2021 में डेंगू के 126 मरीज मिले, जबकि 2022 में 1434 मामले सामने आए.
हल्द्वानी बेस अस्पताल में 15 डेंगू मरीज:उधर हल्द्वानी में मौसम बदलने के साथ ही डेंगू के मामले लगातार बढ़ने लगे हैं. हल्द्वानी के सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल में इस समय डेंगू के 15 मरीज भर्ती हैं. डेंगू के साथ-साथ वायरल फीवर भी तेजी से पैर पसार रहा है. अस्पताल में हर दिन हजार से 1200 मरीज आ रहे हैं. सबसे ज्यादा मरीज बुखार की शिकायत लेकर आ रहे हैं.
बेस अस्पताल हल्द्वानी की सीएमएस सबिता हयांकी का कहना है कि फिलहाल डेंगू वार्ड में 15 मरीज भर्ती हैं. डेंगू को लेकर अस्पताल में सभी इंतजाम पूरे किए गए हैं. बेस अस्पताल में कुल 24 बेड डेंगू के लिए रिजर्व रखे गए हैं. डेंगू मरीजों के लिहाज से सभी टेस्ट किट अस्पताल में उपलब्ध है. सीएमएस का कहना है कि बदलते मौसम के साथ ही काफी सावधानी बरतनी भी जरूरी है. खास कर डेंगू को देखते हुए सतर्कता बरतनी जरुरी है.
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स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देश
- राज्य में 'उत्तराखंड महामारी (मलेरिया एवं डेगू) विनियम 2019' में निहित सभी तकनीकी और प्रशासनिक कार्रवाई को जिला स्तर पर लागू करें.
- डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सभी विभाग कम करें.
- प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार स्वच्छता अभियान चलाया जाए, ताकि डेंगू के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके.
- प्रदेश के मलिन बस्तियों में विशेष सफाई अभियान चलाया जाए.
- डेंगू रोग के मद्देनजर, भीड़भाड़ वाले जगह पर साफ सफाई को लेकर विशेष निगरानी रखी जाए.
- डेंगू रोग पर नियंत्रण के लिए लार्वा को नष्ट करना बेहतर उपाय है, ऐसे में टीमें बनाकर क्षेत्र में कार्रवाई की जाए.
- डेंगू को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए प्लान बनाकर फागिंग की जाए.
- प्रदेश के सभी राजकीय और निजी संस्थाओं से सेल्फ डिक्लेरेशन सर्टिफिकेट लें.
- चेतावनी के बावजूद संस्थाओं या घरों में पानी जमा होने पर आर्थिक दंड का प्रावधान किया जाए.
- डेंगू रोग की रोकथाम के लिए तमाम माध्यमों से जनता को जागरूक किया जाए.
- सभी विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों को पूरी बाजू की शर्ट, पतलून, लेगिंग, लंबी जुराबों वाली ड्रेस पहनने के निर्देश.
- डेंगू से बचाव और रोकथाम की गतिविधियों पर निगरानी रखी जाए.
- अस्पतालों में डेंगू रोगियों के इलाज के लिए अलग आइसोलेशन वार्ड बनाया जाए, आइसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाए.
- डेंगू पीड़ित गंभीर रोगियों के लिए ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.
- डेंगू जांच केंद्रों में आवश्यक सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए.
- डेंगू के उपचार और नियंत्रण के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन सभी राजकीय और निजी चिकित्सालायों में कराया जाए.
- डेंगू रोगियों की शुरुआती चरण में पहचान के लिए फीवर सर्वे किए जाए.
- डेंगू मरीज के घर के आस-पास करीब 50 घरों तक या फिर 500 मीटर आवश्यक रूप से फॉगिंग कराई जाए.