देहरादून:प्रदेश में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामले को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. इसी कड़ी में राज्य के सभी जिला क्षय अधिकारियों को ब्लड केन्द्रों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. साथ ही अस्पतालों के निरीक्षण के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है. ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि तेजी से फैल रहे डेंगू के मामलों की सही तरीके से रोकथाम की जा सकेगी.
डेंगू की रोकथाम के लिए जारी किए गए निर्देश
- डेंगू संक्रमण के चलते सभी राजकीय और निजी चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों के लिए 30 डेंगू आइसोलेशन बेड आरक्षित रखे जाएंगे.
- डेंगू रोग विशेषज्ञों के अनुसार 90 फीसदी मरीजों में डेंगू के सामान्य लक्षण होते हैं. लिहाजा वो खुद ठीक हो जाते हैं. ऐसे में गंभीर मरीजों को चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती कराया जाए.
- नगर निगम की ओर से माइक्रो प्लान बनाकर रोस्टर के अनुसार फॉगिंग की जाए.
- जिन स्थानों पर चेतावनी के बावजूद पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थिति उत्पन्न हो रही है. ऐसे संस्थानों या लोगों पर आर्थिक दंड का प्रावधान किया जाए.
- प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के लिहाज से हॉटस्पॉट चिन्हित कर निरंतर स्वच्छता अभियान चलाया जाए.
- जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए.
- लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किए जाने को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाए.
जिलाधिकारी सोनिका ने अस्पतालों का किया निरीक्षण:वहीं, आजजिलाधिकारी सोनिका ने राजधानी के अस्पतालों का निरीक्षण किया. वे जिला अस्पताल कोरोनेशन, गांधी शताब्दी अस्पताल, दून मेडिकल कॉलेज, सीएमआई, महंत इंद्रेश हॉस्पिटल और कनिष्क हॉस्पिटल पहुंची. जहां उन्होंने व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान जिलाधिकारी ने लापरवाही पर कनिष्क अस्पताल और सीएमआई की लैब को नोटिस भेजने के निर्देश दिए .