देहरादूनः हरिद्वार रोड स्थित रोडवेज कार्यशाला भूमि अधिग्रहण मामले में राज्य सरकार को एक बार फिर हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. परिवहन कर्मचारियों के 3 महीने के वेतन भुगतान ना होने के चलते हाईकोर्ट ने स्टे को आगे भी बरकरार रखा है. जबकि, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम परिसंपति बटवारा मामले में केंद्रीय ट्रांसपोर्ट अंडर सेक्रेट्री को फटकार भी लगाई है. वहीं, अंडर सेक्रेट्री के खिलाफ बेलेबल वारंट जारी किया है. साथ ही आगामी 24 फरवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है.
बता दें कि, हरिद्वार रोड स्थित रोडवेज कार्यशाला साल 1950 से चली आ रही है. बीते दिनों राज्य सरकार ने इस भूमि को स्मार्ट सिटी के तहत अधिग्रहण कर, कलक्टर कार्यालय और अन्य सरकारी कार्यालयों के लिए आवंटित करने की घोषणा की गई थी. जिसके बाद से भूमि अधिग्रहण के खिलाफ परिवहन निगम कर्मचारी आंदोलनरत हैं.
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उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों और यूनियन ने हाईकोर्ट में कार्यशाला की भूमि अधिग्रहण पर रोक, 3 महीने से लंबित वेतन भुगतान और उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश परिसंपत्ति बंटवारे मामले को लेकर एक अपील दायर की है. इसी कड़ी में मंगलवार को मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्रीय ट्रांसपोर्ट अंडर सेक्रेटरी पर नाराजगी जताई.
वहीं, हाईकोर्ट ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम बीच लंबित चल रहे 800 करोड़ से ज्यादा परिसंपत्ति बंटवारे मामले में भी नाराजगी जताई. कोर्ट ने संपत्ति बंटवारे में मध्यस्थता की भूमिका निभा रहे केंद्रीय ट्रांसपोर्ट अंडर सेक्रेट्री को तय तारीख यानी मंगलवार को कोर्ट में हाजिर न होने पर जमकर फटकार भी लगाई.
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इतना ही नहीं कोर्ट ने सेंट्रल ट्रांसपोर्ट अंडर सेक्रेट्री के खिलाफ बेलेबल वारंट जारी करते हुए आगामी 24 फरवरी तक कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिए हैं. कर्मचारी यूनियन महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि परिवहन कर्मचारियों की 3 महीने से वेतन भुगतान नहीं हो पाया है. जिसपर कोर्ट ने देहरादून रोडवेज कार्यशाला की भूमि अधिग्रहण मामले में राज्य सरकार को बैकफुट पर लेते हुए स्टे बरकार रखा है.