देहरादून: टोक्यो ओलंपिक में 'हैट्रिक गर्ल' के नाम से मशहूर हुई वंदना कटारिया जब अपने घर हरिद्वार पहुंचीं तो उनका भव्य स्वागत किया गया. जिसके बाद वो एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए देहरादून पहुंची. यहां ईटीवी भारत ने वंदना कटारिया से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपने संघर्ष और टोक्यो ओलंपिक के सफर का अनुभव साझा किया.
हैट्रिक गर्ल का शानदार स्वागत: बता दें कि महिला हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया हरिद्वार जिले के रोशनाबाद गांव की रहने वाली हैं. टोक्यो ओलंपिक में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने वाली वंदना का वतन वापसी पर भव्य स्वागत किया जा रहा. ईटीवी भारत से बात करते हुए वंदना ने बताया कि जिस तरह उनका भव्य अभिनंदन किया जा रहा है, इसकी उन्हें तब बिल्कुल उम्मीद नहीं थी, जब वह पूरी टीम के साथ टोक्यो के लिए रवाना हो रही थी.
ईटीवी भारत पर वंदना कटारिया EXCLUSIVE. महिला हॉकी टीम को मिला भरपूर प्यार: उन्होंने कहा कि जिस तरह देश के लोगों ने पूरी भारतीय महिला हॉकी टीम के प्रदर्शन को सराहा है, यह इस बात का एहसास कराता है कि भले ही टीम जीत का ताज अपने सर पर नहीं सजा पाई, लेकिन पूरी महिला हॉकी टीम ने भारतीयों के दिलों में जगह जरूर बनाई है. वंदना ने कहा कि वो रोशनाबाद गांव के एक बेहद ही सामान्य परिवार से हैं. भारत से टोक्यो ओलंपिक तक का सफर उनके लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण और कठिनाइयों भरा रहा है.
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पैसों की तंगी से जूझा है परिवार: परिवार की आर्थिक तंगी की वजह से कई बार उनके पास प्रैक्टिस के लिए जूते तक नहीं होते थे. ऐसे में कभी वह अपनी बहन के जूते पहनकर प्रैक्टिस करने निकल जातीं तो कभी बिना जूतों के ही प्रैक्टिस के लिए निकल पड़ती. वंदना मानती हैं कि किसी भी खिलाड़ी के लिए अपने खेल के प्रति दृढ़ संकल्प की भावना रखना बेहद ही जरूरी है, तभी एक खिलाड़ी अपने सपनों को पूरा कर सकता है.
वंदना ने कई प्रतियोगिताओं में झंड़े गाड़े:गौर हो कि 29 वर्षीय वंदना कटारिया ने टोक्यो ओलंपिक से पहले पहले कई अन्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की हॉकी प्रतियोगिताओं में भारत का नाम रोशन किया है. बात जर्मनी में साल 2013 में आयोजित हुए जूनियर महिला विश्वकप की करें तो इस प्रतियोगिता में वंदना कटारिया और उनकी टीम ने कांस्य पदक अपने नाम किया था. इस दौरान वंदना ने पांच गोल किए थे. जिससे वह इस स्पर्धा में सबसे अधिक गोल करने वाली प्लेयर बनी थी.
राष्ट्रमंडल खेलों में भी नाम रोशन किया:इसके अलावा साल 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान ग्लास्गो में भी वंदना कटारिया ने टीम के साथ जीत हासिल की और पूरे देश में अपना नाम रोशन किया. इसके बाद साल 2016 के दौरान वंदना ने रियो ओलंपिक में हिस्सा लिया था और यहां भारतीय महिला टीम का नेतृत्व किया. उन्होंने इसी साल एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भी प्रतिभाग किया था.