देहरादूनःबहुप्रतीक्षित टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाइन (tanakpur-bageshwar rail line) के फाइनल लोकेशन सर्वे की मंजूरी मिल चुकी है. केंद्र सरकार सर्वे के लिए 28 करोड़ 95 लाख रुपए के बजट की स्वीकृति भी दे चुकी है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सर्वे को लेकर धामी सरकार को आड़े हाथों लिया है. हरदा ने तंज कसते हुए कहा कि यह सर्वे निर्माण के लिए हो रहा है या फिर अतीत में हुए सर्वे की तरह है. साथ ही उन्होंने इसे राजनीतिक खिलौना करार दिया है.
कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (harish rawat) ने टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाइन को लेकर धामी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया में एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है,'कौन जिया है, तेरे जुल्फों के सर होने तक' टनकपुर-बागेश्वर-रामनगर-चौखुटिया रेलवे लाइन पर एक कवि की ये लाइनें बिल्कुल सटीक बैठती है. चुनाव सामने देखकर मुख्यमंत्री जी घोषणा कर रहे हैं कि सर्वे के लिये 38 करोड़ रुपया मंजूर हो गया है. क्या ये निर्माण के लिए सर्वे है! या वैसे ही सर्वे है जैसे लगभग आधा दर्जन सर्वेज अतीत में भी हो चुके हैं.'
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हरीश रावत आगे लिखते हैं, 'सत्यता यह है कि टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाइन का निर्माण कार्य, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के साथ राष्ट्रीय परियोजना के रूप में हुआ था अर्थात इन रेलवे लाइनों का बजट, रेलवे विभाग के बजट से नहीं बल्कि भारत के राजकीय कोष से वहन किया जाएगा.'
वहीं, हरदा ने राजनीतिक खिलौना करार दिया है. उन्होंने लिखा है, 'NDA सरकार ने राष्ट्रीय परियोजना के कांसेप्ट को खत्म कर दिया और टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाइन का सपना भी उसके साथ धड़ाम हो गया. अब तो एक राजनैतिक खिलौना मात्र हमको दिखाया जा रहा है और वो भी रेल मंत्री द्वारा नहीं, प्रधानमंत्री जी द्वारा नहीं बल्कि मुख्यमंत्री द्वारा, मुख्यमंत्री जी अभी उम्र बहुत है, यह मजाक महंगा साबित होगा.'
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गौर हो कि बीती 11 अक्टूबर को रेल मंत्रालय ने टनकपुर-बागेश्वर नई ब्राडगेज रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दी थी. जिसके तहत टनकपुर से बागेश्वर तक 6966.33 करोड़ की लागत से 154.58 लंबी रेलवे लाइन बिछाई जाएगी. इससे चंपावत, अल्मोड़ा और बागेश्वर तक के जिले लाभांवित होंगे. साथ ही सफर भी सुगम हो जाएगा. वहीं, रेल लाइन के सर्वे के लिए 28.95 करोड़ रुपए भी मंजूर कर दिया गया है.