देहरादून:कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के छह मंत्रों को लेकर बीजेपी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार भागवत के छह मंत्रों के विपरीत काम कर रही है. हल्द्वानी पहुंचे आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा था कि भारतीय संस्कृति से जुड़े रहने के छह मंत्र हैं. इसमें भाषा, भोजन, भक्ति गीत, यात्रा, पोशाक और घर शामिल हैं. भागवत ने लोगों से पारंपरिक रीति-रिवाज को अपनाने को कहा है.
हरीश रावत बीजेपी पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं. हरीश रावत ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के 6 मंत्रों को लेकर बीजेपी सरकार हमला करते हुए सोशल मीडिया पर कहा है कि वो मोहन भागवत के 6 मंत्रों के विपरीत काम कर रहे हैं. साथ ही कांग्रेस के काम को भागवत के 6 मंत्रों के अनुकूल बताया है.
पहला मंत्र 'भाषा':-हमने भाषा संवर्धन के लिए कुमाऊं और गढ़वाल विश्वविद्यालय में गढ़वाली, कुमाऊनी रंग व जौनसारी भाषा के संवर्धन के लिए अलग विभाग खोला और एक भाषा-बोली संवर्धन संस्थान गौचर में स्थापित किया. PCS के सिलेबस में भी हमने कुछ प्रश्न स्थानीय भाषा और परंपराओं से संबंधित अनिवार्य किये. स्थानीय भाषाओं के सिलेबस तैयार करवाए. आज भाषा-बोली संस्थान लगभग बंद है. विश्वविद्यालयों व स्थानीय बोली-भाषाओं के डिपार्टमेंट लगभग न के बराबर चल रहे हैं. PCS की तो परीक्षा ही नहीं हुई.
दूसरा मंत्र 'भोजन':-हमारी सरकार ने परंपरागत अन्न आधारित भोजन को न केवल प्रोत्साहित किया, बल्कि गर्भवती महिला पोषण आहार योजना, वृद्ध पोषण आहार योजना, इंदिरा अम्मा भोजनालयों और कई सरकारी विभागों में एक दिन स्थानीय अन्न आधारित व्यंजनों को अनिवार्य कर दिया. इसे इस सरकार ने बंद कर दिया. हमने व्यंजनों के त्यौहार घी संक्रांति को राज्य के दूसरे महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाया, जिस परंपरा को वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है.
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