देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बढ़ती बेरोजगारी को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने इसके विरोध में आगामी 1 सितंबर को सांकेतिक उपवास रखने का निर्णय लिया है. इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी मंशा जाहिर करते हुए बताया कि बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ वह जल्द ही सितारगंज और रानीपुर सिडकुल एरिया में पदयात्रा निकालेंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि बेरोजगारी को लेकर एक चिंताजनक समाचार मिला है. उन्होंने कहा देश में लगभग एक करोड़ लोग नौकरियां खो चुके हैं. उन्होंने कहा हमारा देश पहले से ही बेरोजगारी की मार से त्रस्त है, ऊपर से कोरोना संक्रमण ने बेरोजगारी और बढ़ा दी है. जिसके कारण लोगों की कमर टूट गई है, रोजगार न होने से नौजवानों में निराशा हैं.
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हरीश रावत का कहना है कि बीते कुछ दिनों के भीतर डेढ़ सौ के करीब लोगों ने आत्महत्या कर ली है, उनमें से 100 के करीब आत्महत्यायें नौजवानों ने की हैं. यह वह लोग हैं जिनके सामने एक लंबा भविष्य था, लेकिन अवसाद की वजह से वे मौत के फंदे से झूल गये. हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार रिक्त पदों को भरने का काम नहीं कर रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना भी बीरबल की खिचड़ी की तरीके से धरातल पर उतर नहीं रही है.
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हरीश रावत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि बढ़ती बेरोजगारी के विरोध में वह एक लाइव प्रोग्राम करने जा रहे हैं. मगर उससे पहले अब उन्होंने एक सितंबर को बेरोजगार नौजवानों की व्यथा को उठाते हुए सांकेतिक उपवास रखने का फैसला किया है. इसके अलावा उन्होंने सितारगंज और रानीपुर सिडकुल में पदयात्रा निकालने का भी एलान किया है. उन्होंने कहा पदयात्रा से वे प्रदेश में बढ़ती हुई बेरोजगारी के खिलाफ एक सजगता का वातावरण पैदा करेंगे.