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Published : Sep 16, 2021, 11:57 AM IST

Updated : Sep 16, 2021, 3:37 PM IST

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'यह नौजवान भाजपा रूपी मां के गर्भ से ही दल-बदल जैसी खुराफातें सीख करके आया है'

2017 के विधानसभा चुनाव की तरह 2022 के चुनाव से पहले भी कांग्रेस का कुनबा सिमटता जा रहा है और बीजेपी का बढ़ता जा रहा है. इसमें बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी की बड़ी भूमिका बताई जा रही है. अनिल बलूनी की इस रणनीति से हरीश रावत काफी असहज दिख रहे हैं. उनकी असहजता उनके ट्वीट में साफ झलक रही है.

Harish Rawat
Harish Rawat

देहरादून: राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी के पंचों से इन दिनों कांग्रेस थोड़ी असहज नजर आ रही है. अनिल बलूनी जिस तरह से उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बीजेपी का कुनबा बढ़ाने में लगे हुए हैं, उससे हरीश रावत की मुश्किलें बढ़ गई हैं. अपने दर्द को बयां करते हुए हरीश रावत ने अनिल बलूनी का नाम लिए बिना एक ट्वीट किया है.

हाल ही में पुरोला विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक राजकुमार ने बीजेपी का दामन थामा है. इसके अलावा धनौल्टी के निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार भी बीजेपी में शामिल हुए हैं. इन दोनों नेताओं को बीजेपी में शामिल करने में अनिल बलूनी ने अंदर खाने बड़ी भूमिका निभाई है. दोनों नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के बाद अनिल बलूनी ने विपक्षियों पर ट्वीट कर निशाना भी साधा था. क्योंकि कांग्रेस में हो रही टूट को लेकर अनिल बलूनी की रणनीति काम कर रही है.

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अनिल बलूनी की इस रणनीति से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत थोड़ा असहज दिख रहे हैं. उन्होंने भी दल-बदल को लेकर एक ट्वीट किया. हरीश रावत ने लिखा कि प्रत्येक चढ़ती हुई उम्र का व्यक्ति एक इच्छा रखता है कि उसके राज्य में कुछ ऐसे नौजवान उभरें जो राज्य को एक स्वच्छ और स्वस्थ लोकतांत्रिक स्वरूप दे सकें. ऐसे ही एक दिल्ली स्थित नौजवान जब कुछ अच्छी बातें कहते थे तो मैं दलीय सीमा लांघ करके भी उनकी प्रशंसा में जुट जाता था. यहां हरीश रावत का इशारा बिना नाम लिए बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी की तरफ था.

मगर हाल में मैंने कुछ दल-बदल के चित्र और दल-बदल को लेकर ट्वीट देखे, जिनमें उस नौजवान का चेहरा देखकर मुझे बहुत धक्का लगा. लगता है यह नौजवान भाजपा रूपी मां के गर्भ से ही दल-बदल जैसी खुराफातें सीख करके आया है. खैर कोई बात नहीं. मगर इतना तो याद रखिए गुस्सा कांग्रेस पर निकालते यूकेडी पर गुस्सा काहे के लिए निकाल रहे हो.

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हरीश रावत ने आगे कहा कि हम (कांग्रेस) तुम्हारे प्रमुख प्रतिद्वंदी पार्टी हैं. मगर यूकेडी उत्तराखंड में दलीय बहुलता का प्रतीक है, और राज्य आंदोलन की पार्टी है. तुमने उनका विधानसभा में वंश ही मिटा दिया है. अपनी पार्टी में मचे घमासान के बाद भी अब तक यह नहीं समझ पाए हो कि तुम्हारा तृणमूल कार्यकर्ता क्या चाहता है और जमीन का भाजपाई क्या चाहता है?

हरीश रावत का कहना है कि लोकतंत्र एक दूसरे की भावनाओं का आदर और सम्मान का नाम है. खैर मैं जानता हूं कि मेरे ट्वीट पर कुछ लोग तिलमिलायेंगे. कुछ लोग उन्हें रोकना भी चाहते हैं. लेकिन हरीश रावत को कुछ भी क्यों न भुगतना पड़े, समय के साथ न्याय करो और इस समय का यह कालखंड तुमसे अपेक्षा कर रहा है कि निर्भीकता के साथ गलत को गलत कहो. इसलिए मैंने इस ट्वीट को राज्य की जनता की सेवा में समर्पित किया है.

Last Updated : Sep 16, 2021, 3:37 PM IST

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