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CM कैंडिडेट को लेकर हरीश रावत का इंदिरा हृदयेश को जवाब, कहा- परंपरा में बदलाव लाना जरूरी

मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर हरीश रावत और इंदिरा हृदयेश के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. दोनों इस मामले में अपने-अपने तर्क रख रहे हैं.

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हरीश रावत और इंदिरा हृदयेश

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Published : Jan 11, 2021, 10:02 PM IST

देहरादून: 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. जहां एक तरफ पूर्व सीएम हरीश रावत हाई कमान से 2022 का चेहरा घोषित करने की मांग रहे हैं तो वहीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि कांग्रेस में कभी भी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की परंपरा नहीं है. नेता प्रतिपक्ष हृदयेश के इस बयान पर भी हरीश रावत ने प्रतिक्रिया दी है.

पढ़ें-CM चेहरे के सवाल पर कांग्रेस में शुरू हुई अंतर्कलह, आमने-सामने 'सुप्रीम' लीडर

हरीश रावत ने सीएम का चेहरा घोषित किए जाने वजह बताते हुए कहा कि बीजेपी ने चुनाव को एक राजनीतिक घटना के स्थान पर राजनीतिक महा युद्ध में तब्दील कर दिया है. इसलिए कमांड लाइन बिल्कुल स्पष्ट होनी आवश्यक है. बीजेपी के विरोध में कांग्रेस को अपना चेहरा घोषित करना जरूरी है. ताकि मतदाता समयानुसार अपना मन बना सके.

उन्होंने कहा कि उनके ट्वीट को लेकर कुछ दोस्त यह कह रहे हैं कि कांग्रेस की परंपरा चुनाव के बाद नेता तय करने की रही है, लेकिन ऐसा सभी राज्यों में नहीं हुआ है. उदाहरण देते हुए हरदा ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, केरल और दिल्ली समेत कई राज्यों में कांग्रेस ने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया है. अधिकांश स्थानों पर अच्छे नतीजे मिले. परंपरा उनकी ही बनाई हुई हैं, जिसमें परिस्थितियों को देखते हुए बदलाव लाया जा सकता है और बदलाव लाना भी चाहिए.

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