देहरादून:पौड़ी जिले में एसडीएम और युवा कांग्रेस नेता के बीच हुई बहस और अभद्रता के मामले ने (Pauri NSUI leader and SDM clash case) तूल पकड़ लिया है. अब इसके विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत देहरादून के गांधी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास मौन उपवास (Former CM Harish Rawat sitting on silent fast) पर बैठे हैं. इस घटना के विरोध में हरीश रावत शासन-प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए 1 घंटे के सांकेतिक उपवास (Harish Rawat sat on fast at Gandhi Park in Dehradun) पर बैठे हैं.
हरीश रावत के साथ कई समर्थक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल (Symbolic fast of Ganesh Godiyal) भी सांकेतिक उपवास पर बैठे हुए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अग्निपथ योजना बर्बादी का पथ है. इसका कांग्रेस विरोध करती है. जिस तरह भर्ती की जा रही है, वह हमारे नौजवानों की जवानी का विरोध है, उनका अपमान है.
झड़प मामले को कांग्रेस ने बनाया मुद्दा. हरीश रावत ने कहा कि व्यवस्थाएं स्थानीय लोग तो करते ही हैं. ऐसे में नितिन बिष्ट जब अग्निवीरों के लिए व्यवस्थाएं कर रहे थे. तो प्रशासन ने उसे बाधक मानकर मुकदमा दर्ज कर दिया. हरीश रावत ने कहा कि जब तक सरकार द्वारा उनके ऊपर लगाया गया मुकदमा वापस नहीं लेती है, तब तक कांग्रेस का संघर्ष ऐसे ही जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ कांग्रेस जन मुख्यमंत्री आवास घेराव करने के साथ ही प्रदेश भर में आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
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वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने इस घटना की तीखी निंदा करते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पौड़ी प्रशासन ने नितिन बिष्ट से अभद्रता की है, जो शोभा नहीं देता है. उन्होंने कहा कि अग्निवीर भर्ती में पहले से ही जितना कठिन परिश्रम है, ऊपर से नौजवानों को भर्ती के नाम पर सताया जा रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि सभी कांग्रेस जन नितिन बिष्ट पर हुई कार्रवाई का घोर विरोध करते हैं और उन्हें उम्मीद जताते हैं कि मुख्यमंत्री धामी इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे.
बता दें कि शनिवार (20 अगस्त) को कोटद्वार (पौड़ी) में अग्निवीर भर्ती के दौरान सर्टिफिकेट बनवाने को लेकर एसडीएम आकाश जोशी और एनएसयूआई नेता नितिन बिष्ट के बीच जमकर कहासुनी हुई थी. तहसील प्रशासन और एनएसयूआई नेता के बीच मामला इतना गरमा गया कि हाथापाई तक की नौबत आ गई. मामला बढ़ता देख एसडीएम पौड़ी को पुलिस बुलानी पड़ी. इस दौरान एसडीएम ने NSUI नेता को मारने तक की धमकी दी थी. एसडीएम ने सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत अन्य मामलों में एनएसयूआई नेता नितिन बिष्ट के खिलाफ नामदज तहरीर दर्ज कराई है.
उधर, एसडीएम और एनएसयूआई नेता का कहासुनी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कांग्रेस भी विरोध में उतर आई है. कांग्रेस ने युवा नेता नितिन बिष्ट के साथ अभद्रता और गाली देने वाले एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई ना होने पर इसे मुद्दा बना लिया है.
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पौड़ी में यशपाल आर्य का धरनाःएनएसयूआई नेता के साथ अभद्रता और मुकदमा दर्ज करने के विरोध में पौड़ी मुख्यालय में सोमवार को नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की अगुवाई में रैली निकालकर जोरदार प्रदर्शन किया गया. कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एजेंसी से होते हुए कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला. कलेक्ट्रेट का मैन गेट बंद होने और सुरक्षा बल तैनात होने पर नेता प्रतिपक्ष सहित कांग्रेस नेता गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए. करीब एक घंटे तक गेट पर धरना देने के बाद भी जब गेट नहीं खुला तो कांग्रेसी गेट के ऊपर से चढ़कर अंदर दाखिल हुए. इस दौरान पुलिस से हल्की नोक-झोक भी हुई.
कांग्रेस पदाधिकारियों ने एसडीएम के इस व्यवहार की निंदा की. कांग्रेस पदाधिकारियों ने डीएम को ज्ञापन देते हुए यूथ कांग्रेस नेता के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेते हुए एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई. उन्होंने प्रदेश सरकार से एसडीएम का तबादला किए जाने की मांग की है.
कोटद्वार में पौड़ी एसडीएम का पुतला दहन: पौड़ी में एनएसयूआई नेता और एसडीएम के बीच झड़प मामले पर कोटद्वार में कांग्रेस युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष के तत्वावधान में तहसील चौक पर पौड़ी एसडीएम का पुतला दहन किया गया. कांग्रेस युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने पौड़ी एसडीएम को तत्काल निलंबित करने की मांग की है. कांग्रेस ने एनएसयूआई नेता नितिन बिष्ट पर लगाए आरोपों को वापस लेने की मांग की है.
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पूरा मामलाः अग्निवीर भर्ती रैली के लिए तहसील प्रशासन द्वारा बनाए जा रहे प्रमाण पत्रों के लिए युवाओं की लंबी कतार लग रही है. गौरतलब है कि पौड़ी जिले की भर्ती आगामी 23, 24 व 25 अगस्त को होनी है. ऐसे में युवाओं को प्रमाण पत्र के लिए तहसील में कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है. शनिवार को पौड़ी तहसील क्षेत्र के युवा अपने प्रमाण पत्रों के इंतजार में आधी रात तक तहसील में ही बैठे रहे.
एसडीएम सदर आकाश जोशी के मुताबिक, एनएसयूआई नेता नितिन बिष्ट रात करीब 8 बजे तहसील पहुंचकर बवाल काटने लगे. पहले तो तहसील प्रशासन ने नितिन बिष्ट को समझाने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित एनएसयूआई नेता कुछ सुनने को तैयार नहीं था. फिर एसडीएम पौड़ी आकाश जोशी ने आकर एनएसयूआई नेता को समझाने के लिए अपने आफिस में ले जाना चाहा. मगर इस बीच एनएसयूआई नेता और एसडीएम के बीच तू-तू मैं-मैं हो गई. इसके लिए एसडीएम के स्टाफ ने बीच बचाव कर दोनों को छुड़ाया. हालांकि, इस पूरे मामले पर हरीश रावत ने सवाल उठाए हैं.