देहरादून: राजधानी दून में चल रही पंजाब कांग्रेस की बैठक के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला है. हरीश रावत का कहना है कि बैठक में उन्होंने सभी नेताओं की बातों को सुना और जो भी बातें हुई हैं. उससे लगता है कि तमाम मंत्री और विधायक सही मुद्दे उठा रहे थे. फिलहाल उन्होंने कहा है कि ये परिवार की लड़ाई है और जल्द ही इस मसले को हल कर लिया जाएगा. इस पूरे मामले को लेकर 2 दिनों के अंदर को पार्टी आलाकमान से मिलने हरीश रावत दिल्ली जा रहे हैं. फिलहाल बैठक में क्या हुआ-क्या नहीं, वो दिल्ली में अपने नेता और राहुल गांधी को अवगत कराएंगे.
पंजाब के नेताओं ने बताई अपनी चिंता:पंजाब के चारों मंत्रियों और तीनों विधायकों से मिलने के बाद हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने अपनी चिंता बताई है, वो पार्टी की जीत की संभावनाओं को लेकर भी चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि उनका विरोध किसी व्यक्ति से नहीं है और वो चाहते हैं कि चुनाव में कांग्रेस एक स्पष्ट रोडमैप के साथ आगे जाए. रावत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा और न ही सरकार को कोई खतरा है.
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कोई नाराजगी पार्टी के रास्ते न आए:हरीश रावत ने कहा कि सभी मंत्रियों एवं विधायकों की जिला और राज्य प्रशासन की कार्य पद्धति को लेकर भी कुछ शिकायतें थीं. कांग्रेस का कोई विधायक अगर अपने को असुरक्षित समझता है और प्रशासन उसको हराने की कोशिश कर सकता है या उसके खिलाफ काम कर सकता है तो ये बहुत चिंताजनक बात है. अगर किसी को किसी से कोई नाराजगी है तो ये कांग्रेस के रास्ते में नहीं आनी चाहिए. कांग्रेस के लिए बहुत आवश्यक है कि वो पंजाब में मिलकर चुनाव लड़े. मंत्रीगणों और विधायकों ने आश्वासन दिया कि उनका पार्टी और हाईकमान में पूरा विश्वास है.
क्या कहते हैं पंजाब के नेता: पंजाब के कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का कहना है कि कांग्रेस में अपनी बात रखने के लिए एक प्रोटोकॉल होता है, पार्टी आलाकमान को कहा जाता है. उन्होंने हरीश रावत के आगे अपनी बात रख दी है, क्योंकि वह पंजाब के प्रभारी हैं और काफी हद तक वह भी उनकी बातों से सहमत हैं. उन्होंने कहा है कि वह इस पूरे मामले को लेकर आलाकमान से बात करेंगे.