देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की बात उठाई है. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यदि हम लोकल बनाम लोकल, स्थानीय मुद्दे बनाम स्थानीय मुद्दे की लड़ाई लड़ना चाहते हैं तो हमें भी मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए किसी को आगे करना पड़ेगा.
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि एक मेलोडियस गाना है- ताल्लुक यदि बोझ बन जाए, इसी तर्ज पर अपने दोस्तों से कहना चाहते हैं कि यदि परंपराएं रास्ते में बाधक बन जाएं तो उन्हें तोड़ना ही बेहतर होता है. आज लोग स्पष्ट तौर पर चुनाव में निर्णय करने से पहले बेहतर को देखते हैं. भाजपा इस खांचे में मोदी को डाल देती है. ऐसे में अगर हमें लोकल बनाम लोकल और स्थानीय मुद्दे बनाम स्थानीय मुद्दे करने हैं तो हमें मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए किसी को आगे करना होगा. ऐसे में वो सब के साथ हैं. मुख्यमंत्री का निर्धारण अवश्य जब हमारे सदस्य चुन के आएंगे तभी होगा, लेकिन चुनाव की रणनीति तो हमको तैयार करनी ही होगी.