देहरादूनःउत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड (Uttarakhand Char Dham Devasthanam Management Board dissolved) को लेकर बीजेपी में ही अलग-अलग मत सामने आ रहे हैं. एक तरफ सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के फैसले को सराहना हो रही है तो दूसरी तरफ पार्टी के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावतइस मामले से बच रहे हैं. अब देवस्थानम पर नया अपडेट यह है कि खुद हरक सिंह रावत (Cabinet Minister Harak Singh Rawat) ने देवस्थानम बोर्ड के बहाने त्रिवेंद्र को आड़े हाथ ले लिया है.
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने देवस्थानम के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Harak Singh Rawat targets on Trivendra Singh Rawat) को आड़े हाथ लिया है. हरक सिंह रावत ने कहा कि उस समय भी हम देवस्थानम बोर्ड के पक्ष में नहीं थे और अब जब यह निर्णय लिया गया है तो वह जन भावनाओं को देखते हुए फैसला किया गया है. हरक सिंह रावत ने यह जाहिर किया कि त्रिवेंद्र सरकार में जो फैसला लिया गया था, वो कैबिनेट मंत्रियों की इच्छा के अनुसार नहीं लिया गया था.
ये भी पढ़ेंःदेवस्थानम बोर्ड भंग होने पर बोले त्रिवेंद्र सिंह रावत, 'मैं तो मुस्कुरा भी नहीं सकता'
त्रिवेंद्र एक सामान्य विधायक, उनके बयानों के मायने नहींःउन्होंने कहा कि सरकार को लचीला होना चाहिए और अड़ियल रुख नहीं रखना चाहिए. अब जो फैसला हुआ है, वो तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों की मांगों को देखते हुए लिया गया है. इतना ही नहीं जब हरक सिंह रावत से त्रिवेंद्र सिंह (Trivendra singh rawat statement on devasthanam board) के बयान को लेकर सवाल पूछा तो हरक सिंह रावत बोले 'त्रिवेंद्र सिंह रावत अब ना मुख्यमंत्री हैं और कैबिनेट मंत्री भी नहीं हैं, वे एक सामान्य विधायक हैं और उनके बयानों के कुछ खास मायने नहीं है'.