देहरादून: कांग्रेस में अबतक जो भी नेता अन्य दलों से आए हैं या खासकर बीजेपी से आए हैं उनके शामिल होने पर कांग्रेस ने प्रदेश से लेकर दिल्ली तक में बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खूब फोटो सेशन करवाया. जब यशपाल आर्य कांग्रेस में शामिल हो रहे थे तो दिल्ली कांग्रेस भवन में उनको पूरे लाव-लश्कर के साथ कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई गई थी. इतना ही नहीं, देहरादून में भी अगर कोई जिला स्तर के नेता कांग्रेस की सदस्यता लेता है तो उसके लिए भी भव्य आयोजन किया जाता है, लेकिन पांच दिन से कांग्रेस में शामिल होने की राह देख रहे हरक सिंह रावत की (Harak Singh Rawat join Congress) सदस्यता के दौरान ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
कई शर्तों से गुजरे हरक: न मीडिया का जमावड़ा और न ही कैमरों की भीड़. हरक सिंह की ज्वाइनिंग के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने खुद ही फोटो खींची और मीडिया में जारी कर दी गई. बेहद सादगी और सूक्ष्म अंदाज में हरक सिंह रावत को कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई गई. इतना ही नहीं, तस्वीरों में दिख रहे तमाम नेताओं के चेहरे, खासकर हरक सिंह रावत और हरीश रावत के चेहरे, ये बता रहे हैं कि कांग्रेस में शामिल होने से पहले हरक सिंह रावत को कई शर्तों से गुजरना पड़ा है.
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जिनको दिया था धोखा, उन्हीं के हाथों हुआ स्वागत:लगभग एक हफ्ते से कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी में वापस जाने की चर्चाओं के बीच फजीहत झेल रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को आखिरकार हाथ का साथ मिल गया है. खास बात ये रही कि जिस हरीश रावत को 'धोखा' देकर 2016 में वो कमल खिलाने निकल पड़े थे, उन्हीं के हाथों हरक को कांग्रेसी पटका पहनाकर स्वागत किया गया.
क्या मिट गई 'वो' टीस: बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने अपनी तमाम शर्तों के साथ हरक सिंह रावत को पार्टी में शामिल किया है. कुछ दिन पहले ही हरीश रावत से कह रहे थे कि अगर हरक सिंह अपनी गलती के लिए सार्वजनिक माफी मांग लें तो कांग्रेस उनको लेने पर विचार कर सकती है. हरीश रावत के विरोध के चलते ही अभी तक वो कांग्रेस में एंट्री एक हफ्ते से टल रही थी. अंदरखाने खबर है कि हरक सिंह ने बकायदा एक माफीनामा लिखकर दिया है, इसके साथ ही उन्होंने 2016 के अपने कृत्य को दुर्भाग्यपूर्ण भी करार दिया है.