देहरादून: राज्य में स्वास्थ्य उपकरणों की कालाबाजारी पर रोकथाम के तमाम प्रयास भी सफल नहीं हो पा रहे हैं. इस दिशा में पुलिस ने टीम गठित कर कार्रवाई शुरू तो की है, लेकिन आपदा में भी मुनाफा ढूंढ रहे लोगों पर इससे शिकंजा नहीं कसा है. इस बार खुद वन मंत्री हरक सिंह रावत ने इस कालाबाजारी को लेकर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं.
वन मंत्री हरक सिंह रावत इन दिनों पौड़ी और रुद्रप्रयाग जिले में अधिकारियों से कोविड-19 की रोकथाम को लेकर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी लेने में जुटे हैं. इस कड़ी में उन्होंने दोनों ही जिलों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकें भी की हैं. हाल ही में वन मंत्री हरक सिंह रावत की भांजी कोरोना संक्रमित हुईं हैं. उनकी भांजी के स्वास्थ्य में सुधार के बाद उसे घर पर आराम करने की सलाह दी गई थी. इसके बाद जब वन मंत्री हरक सिंह रावत अपनी भांजी का हाल-चाल जानने पहुंचे तो उन्होंने ऑक्सीमीटर गलत रीडिंग पर हैरानी जताई. उधर जब उन्हें पता चला कि यह ऑक्सीमीटर उनकी भांजी ने तय रेट से कहीं ज्यादा कीमत पर बाजार से खरीदा है तो उन्होंने फौरन अधिकारियों से इस संबंध में बात की.
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बता दें कि एक दिन पहले ही पुलिस ने तय रेट से कहीं ज्यादा पर ऑक्सीमीटर बेचे जाने को लेकर एक मुकदमा भी दर्ज किया है. पुलिस को अब तक कालाबाजारी को लेकर 145 शिकायतें मिल चुकी हैं. हरक सिंह रावत ने कालाबाजारी पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों से टीमें बनाकर औचक निरीक्षण करने के निर्देश भी दिए.