देहरादून: कभी बीजेपी सरकार और संगठन की तारीफों के पुल बांधने वाले हरक सिंह रावत ने आज उसी पार्टी पर आरोपों की झड़ी लगा रखी है. हरक सिंह रावत का मानना है कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश 20 साल पीछे चला गया है. हालांकि, इसके लिए वो खुद को भी जिम्मेदार मान रहे हैं क्योंकि पिछले पांच सालों से वो उस सरकार का हिस्सा रहे हैं. इसी तरह के कुछ मुद्दों पर हरक सिंह रावत ने ईवीटी भारत के साथ बेबाकी से बातचीत की.
हरक सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी सरकार कुछ अधिकारियों के चंगुल में फंस गई है और इसका खामियाजा भी सबको भुगतना पड़ा है. प्रदेश की जनता के लिए जितने दोषी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हैं, उतने ही वो भी हैं. हालांकि, उन्होंने प्रदेश की जनता के लिए लड़ाई लड़ी है लेकिन एक या दो व्यक्तियों के लड़ाई लड़ने से कुछ नहीं होता, जब तक प्रदेश का मुख्यमंत्री खुद सहयोग नहीं करे. उनको उम्मीद है कि उत्तराखंड की जनता उनको माफ कर देगी.
प्रदेश को मिले अनुभवहीन मुख्यमंत्री: हरक सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में प्रदेश को तीनों अनुभवहीन मुख्यमंत्री मिले हैं. हरक सिंह रावत कभी भी त्रिवेंद्र सिंह रावत से अच्छा तालमेल नहीं बैठा पाए, इसको लेकर भी उन्होंने बड़ी बात कही. हरक ने कहा कि, त्रिवेंद्र सिंह रावत में हीनभावना है. इसके कारण ये है कि जब हरक 1991 में यूपी सरकार में मंत्री थे, तब त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्री उमाकांत के जनसंपर्क अधिकारी थे. त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड बनने के बाद विधायक बने. यहां वो तीन बार से विधायक हैं, जबकि हरक सिंह रावत छह बार के विधायक और 8-9 बार मंत्री रह चुके हैं. ये ही सब त्रिवेंद्र सिंह रावत की हीनभावना का कारण था. हरक सिंह रावत ने कहा कि उनके किसी विभाग में अच्छा काम करने और उनकी वाहवाही से त्रिवेंद्र सिंह रावत असजह हो जाते थे.
मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह को हटाने का एक ही मुख्य कारण था, क्योंकि पार्टी को ये लग गया था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के चार साल के कार्यकाल में उत्तराखंड 20 साल पीछे चला गया है. डबल इंजन की सरकार कहने में शर्म आने लगी थी. अगर त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए पार्टी चुनाव में जाएगी तो पार्टी का सूपड़ा साफ हो जाएगा, इसलिए पार्टी ने तुरंत त्रिवेंद्र सिंह रावत को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
तीरथ सिंह रावत को भी लपेटा: वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को लेकर हरक सिंह रावत ने कहा कि उनके बारे में कुछ ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वो ज्ञानी ज्यादा थे. तीरथ पर हंसते हुए हरक सिंह कहते हैं कि, त्रिवेंद्र के बाद जैसे ही तीरथ आए तो उनके ज्ञान की परिभाषा को देखकर नड्डा से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक बड़े हैरान थे. उन्होंने ऐसे-ऐसे बयान दिए जिसमें पार्टी को शर्मिंदा होना पड़ा, जैसे- कभी महिलाओं की फटी जींस पर बयान तो कभी भारत को अमेरिका का 200 साल तक गुलाम बताया, और न जाने ऐसे कितने ज्ञान पार्टी फोरम से उन्होंने दिए, जिसके बाद पार्टी को उनके ऊपर कारवाई करके उनको हटाना पड़ा. तीरथ पर चुटकी लेते हुए हरक ने कहा कि, ऐसे लोगों के बारे में ज्यादा टिप्पणी करना भी छोटा लगता है.
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सीएम धामी हवा में उड़ रहे हैं:अब बारी थी तीसरे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की.मुख्यमंत्री धामी को लेकर हरक सिंह रावत ने कहा कि, जब से उन्हें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 20-20 का बल्लेबाज बताया, तब से वो मदहोश हैं. तभी से धामी हवा में उड़ रहे हैं. अब यदि किसी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक तौर पर देश का रक्षा मंत्री छक्के मारने वाला बल्लेबाज बता देंगे तो उसका दिमाग खराब हो ही जाएगा. हालांकि, अब ये जनता तय करेंगी कि उन्हें कहां उड़ाना है. हरक ने कहा कि, अचानक से ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना देना जिसके पास अनुभव नहीं है ये राज्य के लिए सही नहीं है.
उत्तराखंड के भाजपा की विदाई:हरक सिंह रावत ने कहा कि बीजेपी ने जो हालात बनाए हैं, उससे साफ है कि उत्तराखंड से इनकी विदाई पक्की है. सही बात तो ये है कि इन 5 सालों में उत्तराखंड में कोई भी ऐसी योजना शुरू नहीं हुई जो प्रदेश की हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पुष्कर सिंह धामी और राजनाथ सिंह से लेकर जेपी नड्डा तक उत्तराखंड में आकर केंद्र की योजनाओं को गिनवा रहे हैं. ऑल वेदर रोड एक योजना हो सकती है, लेकिन जिस रेल मार्ग का जिक्र बार-बार बीजेपी अपने बयानों में कर रही है वो रेल मार्ग कांग्रेस की देन है.