ऋषिकेश: उत्तराखंड की मित्र पुलिस का एक बार फिर गैर जिम्मेदाराना रवैया देखने को मिला है. इस बार मामला ऋषिकेश के श्यामपुर भल्ला फार्म का है, जहां की एक युवती 12 जनवरी से लापता है. लेकिन पुलिस युवती को तलाशने के बजाय ये कहती हुई नजर आ रही है कि पुलिस कोई हनुमान नहीं जो किसी को इतनी जल्दी ढूंढ लाए. ये गैर जिम्मेदाराना बयान किसी छोटे अधिकारी का नहीं बल्कि सीओ वीरेंद्र सिंह रावत का है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि थाने और चौकियों में बैठे अधिकारी पीड़ितों की कितनी सुनते होंगे.
दरअसल, ऋषिकेश के श्यामपुर में रहने वाले एक अल्पसंख्यक परिवार पिछले चार दिनों से पुलिस के चक्कर काटने को मजबूर है. पीड़ित परिवार कभी श्यामपुर पुलिस चौकी तो कभी ऋषिकेश कोतवाली के चक्कर लगा लगाकर परेशान हो गया है. लेकिन अभी तक उसकी बेटी के लापता होने की रिपोर्ट नहीं लिखी गई है.
लापता युवती की मां का कहना है कि 12 जनवरी को कुछ लोगों ने उनके घर में घुसकर उनकी बेटी को उठा लिया था, इसके बाद वे तहरीर लेकर श्यामपुर पुलिस चौकी गई थी, लेकिन वहां किसी ने भी उनकी तहरीर नहीं ली, बल्कि उन्हें कोतवाली भेज दिया. वहीं, कोतवाली में भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.