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गुरुमीत कौर हत्याकांड: आरोपी आशीष को आजीवन कारावास की सजा

देहरादून के चर्चित गुरुमीत कौर हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी आशीष को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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Published : Oct 1, 2019, 5:07 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 6:00 PM IST

dehradun court

देहरादूनः प्रेमनगर में साल 2016 में हुए चर्चित गुरुमीत कौर हत्याकांड में आरोपी आशीष को दोषी करार दिया गया है. कोर्ट ने दोषी आशीष उर्फ मोनू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. शंकर राज अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ कोर्ट द्वारा आरोपी आशीष को सजा सुनाई गई है.

हत्याकांड में आरोपी को मिली सजा.

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दोषी पर 75000 रुपए का अर्थदंड भी पर लगाया गया है. जुर्माने की रकम से 50000 की राशि मृतका के पति को दिए जाएंगे. जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर 5 साल की अतिरिक्त सजा होगी. बता दें कि आशीष हत्या करने के बाद भाग गया था और उसके बाद आत्महत्या का प्रयास किया था.

18 गवाह और सबूतों के आधार पर दोषी को मिली सजा
इस मामले में शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर के मुताबिक इस हत्याकांड मामले में दोषी आशीष और मोनू के खिलाफ 18 गवाह कोर्ट प्रक्रिया के दौरान बयानों के लिए पेश किए गए. इसके साथ ही दोषी मोनू द्वारा अपनी किराएदार शादीशुदा गुरमीत कौर की गला काटकर निर्मम हत्या करने का धारदार हथियार व अन्य सबूतों के आधार पर देहरादून अपर जिला कोर्ट द्वारा दोषी करार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

क्या है मामला
मामला 5 फरवरी 2016 का है. शाम के लगभग 6:00 बजे आशीष के प्रेमनगर मकान में किराए पर रहने वाली शादीशुदा युवती गुरमीत कौर अपने 8 साल के बच्चे को घर पर छोड़ कर अचानक लापता हो गई. काफी खोजबीन करने पर गुरमीत कौर का शव लहूलुहान हालत में प्रेमनगर के चाय बागान में मिला. घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा जांच पड़ताल में पता चला कि गुरमीत की हत्या गला काटकर की गई है. जांच पड़ताल में यह भी पता चला कि आशीष उर्फ मोनू का अपने किराएदार महीला गुरमीत कौर के साथ पैसों का लेनदेन था, जिसके चलते उसने रंजिशन धोखे से रुपए देने के लिए गुरमीत को प्रेमनगर के चाय बागान बुलाया और वहां उसकी गला काटकर निर्मम तरीके से हत्या कर दी.

हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आशीष उर्फ मोनू मसूरी पहुंच गया. इतना ही नहीं मसूरी के होटल में खुद को खत्म करने का भी प्रयास किया, लेकिन होटल कर्मियों की मुस्तैदी की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाया. होटल कर्मियों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. वहीं इस घटनाक्रम के संबंध में मृतका गुरमीत कौर के भाई जगदीप सिंह ने मकान मालिक आशीष उर्फ मोनू के खिलाफ पुलिस को सूचना दी थी, जिसके बाद हत्या का खुलासा हुआ.

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इस मामले में शासकीय अधिवक्ता जया ठाकुर ने बताया कि न्यायालय द्वारा आजीवन सजा पाने वाले आशीष उर्फ मोनू के खिलाफ 18 चश्मदीद गवाह, मृतका गुरमीत कौर का गला काटने में इस्तेमाल किया गया हथियार और दोषी मोनू के खून से सने कपड़े जैसे अन्य साक्ष्य के आधार को कोर्ट ने सही ठहराते हुए दोषी आशीष को उम्र कैद की सजा सुनाने के साथ ₹75000 का आर्थिक दंड लगाया है.

Last Updated : Oct 1, 2019, 6:00 PM IST

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