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Published : Jun 10, 2020, 8:24 PM IST

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फिजूल खर्ची पर उत्तराखंड सरकार सख्त, नए दिशा-निर्देश जारी

विभागों के फिजूल खर्ची पर उत्तराखंड सरकार सख्त है. जिसके बाद शासन की तरफ से व्यय प्रबंधन एवं प्रशासनिक व्यय में कटौती करने को लेकर वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

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उत्तराखंड शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश.

देहरादून: कोरोना वायरस के चलते करीब दो महीने तक हुए पूर्ण रूप से लॉकडाउन के चलते कई व्यवसायों पर प्रभाव पड़ा है. इस दौरान कई संसाधनों के ठप होने के चलते राज्य को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा. वहीं, व्यय प्रबंधन एवं प्रशासनिक व्यय में कटौती करने को लेकर वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए उत्तराखंड शासन ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. जारी किए गए दिशा-निर्देश के अनुसार कोविड-19 से संबंधित खर्च को छोड़ अन्य मदों में होने वाले खर्चों पर नियंत्रण करने के निर्देश दिए हैं.

उत्तराखंड में कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते सरकार को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. उत्तराखंड सरकार ने फिजूल खर्चों पर लगाम लगाते हुए 22 बिंदुओं का शासनादेश जारी किया है. जिससे सभी सरकारी विभागों और कार्यालयों के साथ-साथ समस्त सार्वजनिक उपक्रमों और राज्य विश्वविद्यालयों पर भी समान रूप से लागू होंगे.

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शासनादेश के मुख्य बिंदु:

  • विभागों का कंप्यूटरीकरण किए जाने के बाद कार्य प्रणाली में व्यापक परिवर्तन आने के बाद विभागों में कार्यभार में कमी आई है. लिहाजा विभागों के अनुपयोगी पदों को चिन्हित कर समाप्त किया जाएगा और ऐसे पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को अन्य पदों में समायोजित किया जाएगा.
  • वित्तीय वर्ष 2020-21 में किसी भी पद का वेतनमान उच्चीकरण नहीं किया जाएगा.
  • चिकित्सा और पुलिस विभाग को छोड़ अन्य सभी विभागों में नए पद सृजित नहीं किए जाएंगे.
  • चतुर्थ श्रेणी के पदों के साथ-साथ तकनीकी कार्य के लिए सृजित वाहन चालक, माली, वायरमैन, इलेक्ट्रिशियन, पलंबर, मिस्त्री, एसी मैकेनिक और अन्य किसी भी प्रकार से रिक्त होने वाले पदों पर नियमित नियुक्तियां नहीं की जाएंगी.
  • केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित योजनाओं के संचालन के लिए कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों को ही अनुमान दरों के अनुरूप ही मानदेय के अतिरिक्त टीए-डीए, एचआरए, सीसीए, एलटीसी, चिकित्सा प्रतिपूर्ति आदि का भुगतान होगा.
  • राजकीय भोज पांच सितारा होटल में आयोजित नहीं किया जाएगा.
  • किसी भी अधिकारी को विदेशों में आयोजित होने वाले कार्यशाला या सेमिनार में प्रतिभाग करने की अनुमति नहीं होगी, जिसके लिए राज्य सरकार को खर्च वहन करना पड़े.
  • नए वर्ष और अन्य अवसरों पर शासकीय पेपर बधाई संदेशों को भेजने, कैलेंडर-डायरी और पर्सनल लेटर आदि के मुद्रण और वितरण को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया गया है.
  • निजी होटलों में बैठकों और सम्मेलन पर रोक, अब सरकारी भवन और परिसर में ही बैठक और सम्मेलन होंगे.
  • सुरक्षा संबंधी आवश्यकताओं को छोड़ नए वाहन क्रय पर रोक.
  • प्राथमिक शिक्षा में अध्यापक छात्र अनुपात का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश, अध्यापकों के पठन-पाठन की कार्यशैली का विश्लेषण हर 3 महीने में किया जाएगा.

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