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मिलिए देहरादून की दो मम्मियों से, कमाती हैं सालाना दो करोड़ रुपए

गुड्डी थपलियाल और निशा गुप्ता साथ मिलकर कुछ करना चाहती थी. फिर क्या था, दोनों मम्मियों ने छोटी सी तैयारी के बाद साल 2017 में ऑनलाइन गिफ्टिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया. जो आज करोड़ों का टर्नओवर दे रहा है.

Guddi Thapliyal and Nisha Gupta
गुड्डी थपलियाल और निशा गुप्ता की कहानी

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Published : Sep 22, 2020, 7:34 PM IST

Updated : Sep 23, 2020, 5:42 PM IST

देहरादून: आपको यकीन नहीं होगा कि देहरादून की दो मम्मियों ने किचन संभालते हुए एक ऐसी कंपनी खड़ी कर दी है, जिनका सालाना टर्नओवर 2 करोड़ रुपए हो गया है. कहते हैं इंसान को उम्मीद कभी नहीं छोड़ना चाहिए. बस दृढ़ विश्वास के साथ कर्म करते रहना चाहिए. सफलता देर-सवेर मिल ही जाती है. मिलिए, देहरादून की निशा गुप्ता और गुड्डी थपलियाल नाम की दो मम्मियों से. चमोली की रहने वाली थपलियाल और देहरादून की निशा गुप्ता रिश्ते में समधन हैं. इन दोनों मम्मियों ने अपने घर से एक बिजनेस शुरू किया, जो 2 करोड़ रुपए तक का हो गया है. आज निशा और गुड्डी आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रही हैं और लोगों को स्वरोजगार भी दे रही हैं.

ऐसे हुई शुरूआत

निशा गुप्ता देहरादून के एक उद्यमी परिवार से आती हैं. उन्होंने अपने घर की दुकान पर घरेलू सामान और कुछ उपहार बेचकर व्यापार के गुर सीखे थे. जबकि, गुड्डी थपलियाल चमोली की रहने वाली हैं और आर्मी अधिकारी की पत्नी हैं. निशा के बेटे हर्षित गुप्ता मार्केंटिंग एक्सपर्ट हैं और गुड्डी के बेटे अनिल आईटी पेशेवर हैं, उन्होंने अपनी मां को ऑनलाइन बिजनेस का आइडिया दिया था.

कहानी निशा गुप्ता और गुड्डी थपलियाल की.

पहाड़ की मेहनत और मैदान का अनुभव

पारिवारिक अनुभव के साथ दोनों मम्मियों ने 13 सितंबर 2017 को ई-कॉमर्स वेबसाइट को रजिस्टर कराया. मार्केट में पहले से ही ऑनलाइन गिफ्टिंग के ऐसे कई प्लेटफार्म में मौजूद थे. ऐसे में निशा और गुड्डी के सामने बड़ी चुनौती थी कि वो ऐसा क्या करें कि ग्राहक उनके पास ही आए. लेकिन कंपनी लॉन्च के पहले साल दोनों को 17 लाख का रेवन्यू हुआ. वहीं, दूसरे साल कंपनी को करीब 2 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ. निशा और गुड्डी के पास अपने ग्राहकों के लिए 99 रुपए से लेकर 13,000 रुपए तक के आइटम मौजूद हैं. आज गुड्डी और निशा 35-40 लोगों को रोजगार दे रहीं हैं.

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ऐसे मिला आइडिया

ईटीवी भारत से बातचीत में निशा गुप्ता ने कहा कि उन्हें शुरू से ही यूनिक चीजें खरीदने का शौक था. जिसकी वजह से वह बाजार से एक्सट्रा चीजें खरीद लाती थी. शुरूआत में घरवालों को निशा के इस शौक से थोड़ी परेशानी हुई. लेकिन बाद भी उन्हें भी शौक में अवसर नजर आने लगे.

दरअसल, निशा गुप्ता की बेटी वैशाली की शादी गुड्डी थपलियाल के बेटे अनिल से हुई है. ऐसे में दोनों समधनों ने मिलकर कुछ यूनिक करने का फैसला लिया और ऑनलाइन गिफ्ट शॉप की तरफ कदम बढ़ाया. इस काम में गुड्डी थपलियाल की मदद बेटे अनिल थपलियाल और निशा के बेटे हर्षित गुप्ता कर रहे हैं. अनिल आईटी एक्सपर्ट हैं और हर्षित गुप्ता अपनी बैंक की नौकरी छोड़कर इस काम में लग गए.

वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा

निशा गुप्ता और गुड्डी थपलियाल द्वारा चलायी जा रही ऑनलाइन गिफ्ट शॉप में आपको हर किस्म, हर वर्ग के लोगों के लिए गिफ्ट मिल जाएंगे. अगर आपको गिफ्ट देने में भी कन्फ्यूजन हैं तो इनके कस्टमर केयर सपोर्ट में कॉल कर आप अपने कन्फ्यूजन को भी दूर कर सकते हैं. कंपनी के मार्केंटिग मैनेजर हर्षित गुप्ता बताते हैं कि उनकी ऑनलाइन गिफ्ट शॉप की विशेषता यही है कि जो आइटम उपलब्ध हैं, वे यूनिक हैं. उन्होंने बताया कि जिस तरह से लॉकडाउन के बाद बाहर से आने वाले सामान पर रोक लगी है. ऐसे में उनकी कंपनी स्थानीय लोगों के माध्यम से कुछ प्रोडेक्ट्स तैयार कर रही है. इसके साथ ही उनकी शॉप में उत्तराखंड के कई लोकल हैंडीक्राफ्ट की भी कई वैरायटी उपलब्ध है.

क्या है चैलेंज?

कंपनी के मार्केंटिंग मैनेजर हर्षित गुप्ता का कहना है कि शुरू में लोगों का काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला. लेकिन मौजूदा दौर को देखते हुए जिस तरह से चाइनीज सामान का बहिष्कार हुआ है. अब ग्राहक जागरूक हो गए हैं. लोग जानना चाहते हैं कि सामान मेड इन चाइना तो नहीं है. ऐसे में मार्केट में चाइनीज सामान बिल्कुल न के बराबर मिल रहा है. जिसकी वजह से हमारी कंपनी लोकल मैन्यूफैक्चरिंग के जरिए स्थानीय उत्पादों को बना रही है. हर्षित गुप्ता का कहना है कि सरकारी स्तर पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलना चाहिए.

हर कोई बन सकता है आत्मनिर्भर

निशा गुप्ता और गुड्डी थपलियाल का कहना है कि कोई भी काम मुश्किल नहीं है. प्रधानमंत्री खुद आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रहे हैं, इसके लिए कई राज्यों में स्वरोजगार योजनाएं चलाई जा रही हैं. निशा गुप्ता कहा कहना है कि शुरुआत में घर वाले काम को लेकर मजाक उड़ाते थे. लेकिन, जब कंपनी ने रेवन्यू जनरेट किया तो परिवार के साथ-साथ पूरा मोहल्ला साथ खड़ा हो गया.

दूसरी तरफ गुड्डी थपलियाल का कहना है कि उनका बचपन चमोली की पहाड़ियों में मुश्किल से गुजरा. 16 साल में शादी हो गई. हर पहाड़ी लड़की की तरह माता-पिता ने ज्यादा नहीं पढ़ाया. जिसकी वजह से गुड्डी थपलियाल गढ़वाली में ही बातचीत करना पसंद करती हैं.

Last Updated : Sep 23, 2020, 5:42 PM IST

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