देहरादून: जीआरपी अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कत्याल पुराना ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंचे. इस दौरान उन्हें पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का फोन आया. फोन पर डीजीपी ने मनोज कत्याल को बताया कि ऋषिकेश रेलवे ट्रैक पर एक व्यक्ति बेसुध पड़ा हुआ है. जब मनोज कत्याल मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि एक वृद्ध बेसुध होकर रेलवे ट्रैक पर पड़ा हुआ है. उस व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. जिसके बाद उन्होंने ने बिना समय गंवाए वृद्ध को अपनी गाड़ी से ऋषिकेश जिला अस्पताल ले गए.
वृद्ध व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया वहीं, मरीज को भर्ती करवाने के लिए वह लगभग 2 घंटे तक इधर से उधर दौड़ते रहे. कोरोना की वजह से अस्पताल की हालत बेहद खराब है. लिहाजा ऐसे में अस्पताल में बेड मिल पाना बेहद मुश्किल हो रहा था, लेकिन किसी तरह से जद्दोजहद के बाद उन्होंने वृद्ध को बेड दिलवाया. जिसके बाद डॉक्टरों ने उसका इलाज किया. डॉक्टरों ने बताया कि समय रहते मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया जाता तो हालत बेहद खराब हो सकती थी.
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वहीं, ऋषिकेश से एक और घटना सामने आई है. जिसमें एक बीआरओ कर्मचारी मनोज डबराल अपने घर ऋषिकेश वापस लौट रहा था. उसको लेने के लिए परिजन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. पहले परिवार को यह सूचना थी कि मनोज रायवाला रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे, लेकिन रायवाला रेलवे स्टेशन पर वह नहीं उतरे.
जिसके बाद परिवार वालों को लगा कि वह ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर उतरेंगे. ऐसे में परिवार ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंच गया, लेकिन पूरी ट्रेन खाली हो जाने के बाद भी जब मनोज डबराल ट्रेन से नहीं उतरे तो जीआरपी को इसकी सूचना दी गई. मौके पर पहुंची जीआरपी ने पूरी ट्रेन की तलाशी ली और घंटों बाद यह पता लगा कि मनोज डबराल ट्रेन के ही टॉयलेट में मूर्छित पड़े हुए थे. उन्हें तत्काल हॉस्पिटल भेजा गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने परिजनों को मनोज का शव पोस्टमॉर्टम के बाद सौंप दिया है.