ऋषिकेश: उत्तराखंड में किस तरह से निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है, इसका जीता जागता उदाहरण रविवार (22 नवंबर) देर शाम गूलर में देखने को मिला. यहां ऑल वेदर रोड के अंतर्गत निर्माणाधीन पुल भरभराकर गिर गया. इस हादसे में एक मजदूर की जान भी चली गई और 13 मजदूर घायल हो गए. इस लापरवाही पर सरकार खामोश है. महज जांच के आदेश कर सरकार कार्रवाई करने से बचती दिख रही है. लेकिन पटवारी ने निर्माण एजेंसी और एनएच की लापरवाही की पोल खोल कर रख दी है.
उत्तराखंड में बन रही ऑल वेदर रोड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है. केंद्र सरकार की योजना के तहत करीब हजार करोड़ रुपए की लागत से ऑल वेदर रोड का निर्माण किया जा रहा है, ताकि भविष्य में चारधाम दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं और पर्वतीय इलाकों के लोगों को सहूलियत हो. वो कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकें और मौसम के बदलाव का असर भी इस सड़क पर देखने को न मिले. लेकिन ऑल वेदर रोड का काम देख रही कार्यदायी संस्था एनएच के अधिकारियों की लापरवाही ने रविवार को एक मजदूर की जान ले ली.
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इससे साफ पता चलता है कि कार्यदायी एजेंसियों की लापरवाही पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर पलीता लगाने में लगी है. इसका खुलासा खुद राज्य सरकार ने कुछ अधिकारियों ने किया है. क्षेत्र के राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी) उत्तम सिंह राणा ने बताया कि जिस समय इस ब्रिज का निर्माण कार्य किया जा रहा था उस समय कोई भी राष्ट्रीय राजमार्ग का अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था. इसके अलावा जब ये हादसा हुआ, उस समय वहां काफी अंधेरा था. किसी भी तरह की लाइट की व्यवस्था नहीं की गई थी.