देहरादून:साल 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अभी तक प्रदेश में कोई नया पर्यटक स्थल विकसित तो नहीं हो पाया, लेकिन इन 19 सालों में उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में घूमने आने वाले सैलानियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. राज्य गठन के बाद जहां हर साल करीब एक करोड़ सैलानी उत्तराखंड घूमने आते थे तो वहीं यह आंकड़ा अब 3 करोड़ 75 लाख के पार पहुंच गया है. इसी के साथ शासन 13 जिले 13 डेस्टिनेशन के तहत नए पर्यटक स्थलों को विकसित करने पर जोर दे रहा है.
नए पर्यटक स्थल विकसित करने पर जोर तीन गुना बढ़ी सैलानियों की संख्या
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि साल 2000 में राज्य गठन के बाद हर साल एक करोड़ सैलानी उत्तराखंड घूमने आते थे, लेकिन वर्तमान समय में इन सैलानियों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ 75 लाख के आसपास पहुंच गई है. उत्तराखंड में कई धार्मिक स्थलों के साथ कई ऐसे पर्यटन स्थल भी हैं जहां हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं.
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छोटे-छोटे स्थल हुए हैं विकसित
पर्यटन सचिव ने बताया कि इस बार उत्तरकाशी के यमुनाघाटी में सभी एडवेंचर टूरिज्म फुल थे. इसके साथ ही नैनीताल में जो पार्किंग की समस्या आ रही है उसके चलते नैनीताल के आसपास भीमताल और मुक्तेश्वर जैसे पर्यटन स्थल विकसित हो गए हैं. अधिकांश पर्यटक अब मुनस्यारी भी जा रहे है. प्रदेश में कई पर्यटन स्थलों का विकास हुआ है. जिसमें छोटे-छोटे रिजॉर्ट और योगा आश्रम बने हुए है. हालांकि ये पर्यटन गंतव्य के रूप में नहीं मानते हैं, लेकिन यहां काफी मात्रा में पर्यटक पहुंचते हैं.
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नए पर्यटक स्थल विकसित करने पर जोर
पुराने पर्यटक स्थलों पर सीजन के समय काफी भीड़ हो जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए शासन ने 13 जिले 13 नए डेस्टिनेशन को विकसित करने का निर्णय लिया था. उसी के तहत बड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है. जिसके प्रति लोगों में काफी रुचि है और भारी मात्रा में लोग आना चाहते हैं. इसके साथ ही तमाम व्यापारी वहां निवेश भी करना चाहते हैं. इसी तरह नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए शासन जोर दे रहा है. जिस पर कार्य तीव्र गति से चल रहा है.