ऋषिकेशः मालवीय मार्ग स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर सात में नौनिहाल जान जोखिम में डालकर पढ़ाई को मजबूर हैं. स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हालत में है. स्कूल प्रबंधन की मानें तो वो बिल्डिंग की मरम्मत कराना चाहते हैं. लेकिन संपत्ति विवाद के चलते मरम्मत नहीं किया जा सका है. मामले में प्रशासनिक अधिकारियों को भी शिकायत की जा चुकी है. वहीं, कांग्रेस परिजनों के साथ स्थिति जानने स्कूल पहुंची.
बुधवार को राजकीय प्राथमिक विद्यालय में अध्यनरत नौनिहालों के परिजन कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला के नेतृत्व में प्रिंसिपल से मिलने पहुंचे. इस दौरान खस्ताहाल हो चुकी बिल्डिंग के बारे में प्रिंसिपल से बातचीत की गई. प्रिंसिपल ने बताया कि बिल्डिंग की मरम्मत के लिए शिक्षा विभाग से पत्राचार किया गया है. अपने स्तर से भी बिल्डिंग की मरम्मत कराने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन संपत्ति विवाद के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा है.
जर्जर हालत में सरकारी स्कूल. ये भी पढ़ेंःराज्य स्थापना दिवस से पहले सरकारी स्कूलों की सुधरेगी हालत, 430 बदहाल स्कूलों की बदलेगी सूरत
उन्होंने आरोप लगाया कि चार दशक पहले धर्मशाला का एक हिस्सा विद्यालय को दान दिया गया था. जिस पर अब दूसरा पक्ष ऊपरी हिस्से पर अपना हक जता रहा है. मामले में एसडीएम और तहसीलदार को भी शिकायती पत्र देकर अवगत कराया गया है. उन्होंने बताया कि कुछ लोगों की ओर से स्कूल की छत पर दीवार खड़ी कर गेट लगा दिया है. जिसकी वजह से बच्चे शौचालय भी नहीं जा पा रहे हैं. इसके साथ ही कई तरह की परेशानियां स्कूल के बच्चों और शिक्षकों को झेलनी पड़ रही है.
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नौनिहालों के जीवन से खिलवाड़ बर्दाश्त नहींःवहीं, कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने बताया कि नौनिहालों के जीवन से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यदि कोई भूमाफिया अवैध कब्जा करने की सोच रहा है तो कांग्रेस इस मुद्दे को उठाएगी. मामले में नौनिहालों के परिजनों ने कोतवाली में पुलिस को अपनी मौखिक शिकायत भी दर्ज कराई है.
प्रिंसिपल ममता गौड़ ने बताया कि स्कूल के दो कमरों में 85 बच्चे पढ़ाई करते हैं. यह स्कूल आजादी से पहले का बताया जा रहा है. स्कूल साल 1941 में बनाया गया था. जो जर्जर हालत में है. ये भी सामने आ रहा है कि स्कूल के भवन पर माफियाओं की नजर है.