डोइवालाः घाटे में चल रही सरकारी चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए सरकार ने एक नई पहल शुरू की है. इसके तहत साल 2017-18 में बचे चीनी के स्टॉक को ट्रेडेबल एक्सपोर्ट स्क्रीप स्कीम के तहत बाहर भेजा जा रहा है. वहीं, सरकार शुगर मिल को प्रति क्विंटल 1132 रुपये सब्सिडी के रूप में भी दे रही है.
बता दें कि डोइवाला की शुगर मिल को सालाना करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ रहा था. जिसके चलते चीनी मिल पर किसानों और कर्मचारियों का करीब 20 करोड़ रुपया बकाया है. किसान और कर्मचारी पैसों के भुगतान की लगातार मांग कर रहे हैं.
इसी कड़ी में कृषि मंत्रालय के फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन की ओर से घाटे में चल रही चीनी मिलों को उबारने और मदद करने के लिए एक पहल की शुरुआत की है. जिसमें चीनी मिलों के साल 2017 और 2018 के पुराने स्टॉक को ट्रेडेबल एक्सपोर्ट स्क्रीप स्कीम के तहत विदेशों में निर्यात किया जा रहा है.
चीनी मिलों को घाटे से उबारने के सरकार ने शुरू की पहल. ये भी पढ़ेंःउत्तराखंड में कई IAS और PCS अधिकारी इधर से उधर, यहां देखें ट्रांसफर की पूरी लिस्ट
डोईवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि पहली बार सरकार ने ये योजना शुरू की है. इसमें चीनी के पुराने स्टॉक को बाहर भेजा जा रहा है. इसके लिए आगामी 31 सितंबर तक एक्सपोर्ट कोटा भेजने का समय निर्धारित किया गया है. अंतरराष्ट्रीय मार्केट के तहत 2150 रुपये चीनी के दाम तय किए गए हैं. जिसमें सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है. साथ ही कहा कि 47 हजार 460 क्विंटल चीनी को बाहर भेजा जा रहा है.
अधिशासी निदेशक का कहना है कि सरकार की ये अच्छी पहल है. इससे घाटे में चल रही चीनी मिलों को भी एक मुस्त पैसा भी मिल जाएगा. जिससे चीनी मिलों द्वारा लिए गए बैंक के लोन को हटाने के लिए एकमुश्त रकम बैंक में जमा हो जाएगी. ऐसे में चीनी मिलों को कुछ राहत भी मिलेगी.